Elections 2024: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग का नया प्रोटोकॉल जारी, EVM के साथ 40 दिनों तक स्ट्रांग रूम में रखी जाएगी SLU
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) के संचालन और भंडारण के लिए एक नया प्रोटोकॉल जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मतदान के बाद SLU को EVM के साथ स्ट्रांग रूम में रखने का निर्देश दिया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) के संचालन और भंडारण के लिए एक नया प्रोटोकॉल जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मतदान के बाद SLU को EVM के साथ स्ट्रांग रूम में रखने का निर्देश दिया था.
क्या है SLU?
SLU एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका इस्तेमाल EVM में चुनाव चिन्ह और उम्मीदवारों के नाम अपलोड करने के लिए किया जाता है. मतदान के दिन, पोलिंग अधिकारी SLU का उपयोग करके EVM में चुनाव चिन्ह और उम्मीदवारों के नाम अपलोड करते हैं.
नए प्रोटोकॉल में क्या है?
नए प्रोटोकॉल के अनुसार, SLU को EVM के साथ स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा और मतदान के बाद 40 दिनों तक सील कर दिया जाएगा. इस दौरान, SLU को किसी भी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि उम्मीदवारों के चुनाव निशान लोड होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद EVM की सिंबल लोडिंग यूनिट को सील किया जाए और चुनाव नतीजे आने के बाद कम से कम 45 दिनों तक सिंबल स्टोर यूनिट को सुरक्षित रखा जाए. अगर हारने वाले उम्मीदवार को नतीजे पर ऐतराज़ है तो वह सात दिन के भीतर चुनाव आयोग से जांच की मांग कर सकता है. चुनाव आयोग तकनीकी एक्सपर्ट्स से वोटिंग मशीनों की जांच कराएगा, मशीनों की जांच का ख़र्चा उम्मीदवार को ही देना होगा.
नए प्रोटोकॉल का उद्देश्य
नए प्रोटोकॉल का उद्देश्य EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है. SLU को EVM के साथ स्ट्रांग रूम में रखने से यह सुनिश्चित होगा कि मतदान के बाद चुनाव चिन्ह और उम्मीदवारों के नाम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
चुनावों में पारदर्शिता
ECI का यह कदम चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे EVM की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब मिलेगा और लोगों का चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास बढ़ेगा.