Madhya Pradesh से राज्यसभा के लिए भाजपा में कई नामों की चर्चा
थावरचंद गहलोत (photo credits: Facebook)

भोपाल, 16 सितम्बर: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में रिक्त हुई राज्यसभा की एक सीट के लिए अगले माह उपचुनाव होने वाले हैं. यह सीट भाजपा के खाते में जाना तय माना जा रहा है, यही कारण है कि पार्टी के भीतर कई नामों की चर्चा तेज हो चली है. ज्ञात हो कि राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री रहे थावरचंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) को राज्यपाल बनाए जाने से एक सीट रिक्त हुई है. इस स्थान पर होने वाले उप-चुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा के निर्वाचन के लिए विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह को निर्वाचन अधिकारी और अपर सचिव बीडी सिंह को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है. विधान सभा सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उप निर्वाचन की प्रक्रिया चार अक्टूबर तक चलेगी. इस अवधि में 22 सितंबर तक अवकाश को छोड़कर अपरान्ह 11 बजे से तीन बजे तक नामांकन पत्र विधानसभा के कार्यालय में जमा किए जा सकेंगे. यह भी पढ़े: Uttarakhand: CM धामी बोले- राज्य को अपने कलाकारों पर गर्व, प्रतिभाशाली लोगों को आगे लाने के लिए करेंगे काम

नामांकन पत्रों की जांच 23 सितंबर को होगी और नाम वापसी 27 सितंबर को हो सकेगी. जरूरी हुआ तो चार अक्टूबर को सुबह नौ बजे से अपरान्ह चार बजे तक मतदान होगा और उसके बाद ही मतगणना होगी. यह राज्यसभा की सीट भाजपा के खाते में जाना तय है और यही कारण है कि भाजपा में उम्मीदवार चुनाव को लेकर कवायद शुरू हो गई. यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनाए जाने से रिक्त हुई है, इसलिए पार्टी इस स्थान पर इसी वर्ग के व्यक्ति अथवा पिछड़े वर्ग से जुड़े नेता को महत्व दे सकती है. भाजपा के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में राज्यसभा की सीट के लिए प्रमुख रूप से कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, अनुसूचित जाति वर्ग के नेता लाल सिंह आर्य और सत्यनारायण जटिया के नामों पर जोर दिया जा रहा है, अगर इनमें से किसी एक नेता पर राज्य में सहमति नहीं बनी, तो हो सकता है प्रदेश के बाहर से किसी नेता को भाजपा प्रतिनिधित्व करने का मौका दें.

राज्य की वर्तमान की राज्यसभा सीटों पर गौर करें तो 10 सीटों में से सात पर भाजपा के सदस्य हैं तो वहीं तीन स्थानों पर कांग्रेस के सदस्यों का कब्जा है. अब जो चुनाव होना है वह एक सीट के लिए होना है. संभावना इस बात की जताई जा रही है कि उप चुनाव निर्विरोध होगा और भाजपा का उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकेगा, ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस को उप-चुनाव में किसी भी तरह का राजनीति लाभ नजर नहीं आ रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बगैर किसी सियासी खींचतान के शांति से हो जाएगा, क्योंकि कांग्रेस को इस उप-चुनाव मंे किसी तरह का लाभ होने की संभावना नहीं है. फिर भी भाजपा के लिए एक सशक्त और बेहतर उम्मीदवार का चयन आसान नहीं होगा, क्योंकि थावरचंद गहलोत निमाड़-मालवा इलाके से आते हैं और अनुसूचित जाति वर्ग के हैं ऐसे में पार्टी को प्रत्याशी चयन के जरिए निमाड़-मालवा क्षेत्र और अनुसूचित जाति वर्ग दोनों को बेहतर संदेश देने की चुनौती तो है ही.