शशि थरूर का अदालत से आग्रह: पुलिस को सुनंदा पुष्कर के ट्वीट पेश करने का निर्देश दिया जाए
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत से आग्रह किया कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर द्वारा किए गए विभिन्न ट्वीटों को रिकॉर्ड में लाए.सुनंदा जनवरी 2014 में रहस्यमय परिस्थतियों में मृत मिली थीं. थरूर ने अदालत से कहा कि यह देखने के लिए उनकी पत्नी के टि्वटर एकाउंट को देखना बेहद महत्वपूर्ण है कि मृत्यु से पहले उनकी मन:स्थिति क्या थी.
नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत से आग्रह किया कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर द्वारा किए गए विभिन्न ट्वीटों को रिकॉर्ड में लाए.सुनंदा जनवरी 2014 में रहस्यमय परिस्थतियों में मृत मिली थीं. थरूर ने अदालत से कहा कि यह देखने के लिए उनकी पत्नी के टि्वटर एकाउंट को देखना बेहद महत्वपूर्ण है कि मृत्यु से पहले उनकी मन:स्थिति क्या थी. मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए कांग्रेस नेता ने विशेष
न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ से कहा कि पुलिस आज तक मौत का कारण नहीं तलाश पाई है.उन्होंने कहा, ‘‘2018 तक वे (पुलिस) इसे (मौत के कारण) नहीं जान पाए. तब एक नया बोर्ड (ऑटोप्सी के लिए) गठित किया गया...उन्होंने (पुलिस) आरोप पर दलील दी और दस्तावेज रखे, खासकर मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट जो यह कहती है कि आत्महत्या मृत्यु का कारण नहीं हो सकती.’’ यह भी पढ़े-सुनंदा पुष्कर मर्डर केस: दिल्ली पुलिस का शशि थरूर के खिलाफ हत्या के आरोप में अभियोजन चलाने का अनुरोध
थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से कहा, ‘‘जब हम मन:स्थिति की जांच कर रहे हैं तो मृतका के टि्वटर एकाउंट की जांच महत्वपूर्ण हो जाती है. उन्होंने (पुलिस) 30 जनवरी 2104 को मृतका के तीन ब्लैकबेरी फोन जब्त किए. उन्होंने इन्हें सीएफएसएल को भेजा और व्हाट्सएप, टि्वटर, कॉल लॉग्स, एसएमएस, इमेज डेटा उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने वह डेटा चुन लिया जिसका वे इस्तेमाल करना चाहते हैं.’’
उन्होंने कहा कि सुनंदा पुष्कर की टि्वटर टाइमलाइन उनकी मन:स्थिति के बारे में बता सकती है. पुलिस ने हालांकि आवेदन का विरोध किया और इसे ‘‘अस्पष्ट’’ करार दिया. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामले में मुकदमे को आगे न बढ़ने देने का गंभीर प्रयास है.
पुलिस ने कहा कि वह ट्वीटों पर भरोसा नहीं कर रही है और उसके पास पुष्कर के ट्वीटों से जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है. अदालत थरूर के आवेदन पर 12 दिसंबर को आदेश पारित करेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री मामले में वर्तमान में जमानत पर हैं. दिल्ली पुलिस ने मामले में भादंसं की धाराएं 498 ए और 306 लगाई थीं.
पुलिस ने अदालत को बताया था कि पुष्कर अपने पति से संबंधों में तनाव के चलते मानसिक रूप से परेशान थीं. मौत से कुछ दिन पहले उनकी अपने पति से हाथापाई हुई थी और उनके शरीर पर चोट के कई निशान थे. दिल्ली पुलिस ने थरूर पर प्रताड़ना के जरिए पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया.