महाराष्ट्र फ्लोर टेस्ट: विधानसभा में भारी हंगामा, बीजेपी ने लगाए 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे
सदन की शुरुआत होते ही पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम से सदन की शुरुआत क्यों नहीं हुई. नियमों के खिलाफ सदन को बुलाया गया. सत्र में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.
मुंबई: महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार की आज पहली परीक्षा है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी सरकार के बहुमत परीक्षण की कार्यवाही शुरू हो गई है. शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. इस प्रकार गठबंधन के पास कुल 154 विधायकों का समर्थन है, जबकि जादुई आंकड़ा 145 का है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई अन्य छोटे दल भी इस गठबंधन के समर्थन में वोट कर सकते हैं. शिवसेना ने भी दावा किया है कि उसके पास निर्दिलीय विधायकों के साथ-साथ तमाम छोटे दलों का भी समर्थन है. जिस वजह से फ्लोर टेस्ट में उन्हें करीब 170 वोट मिलने की उम्मीद है.
सदन की शुरुआत होते ही पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम से सदन की शुरुआत क्यों नहीं हुई. नियमों के खिलाफ सदन को बुलाया गया. सत्र में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस पर प्रोटेम स्पीकर ने सदन को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आदेश पढ़कर सुनाया. फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शपथ पर भी सवाल उठाए. फडणवीस ने कहा, जिस तरह से शपथ ली गई उस पर भी मुझे आपत्ति है. जिस तरह से शपथ ली गई वह प्रिस्क्राइब्ड नहीं थी, शपथ संविधान के तहत नहीं ली गई. उसमें कई नाम लिए गए जो राज्यपाल द्वारा लिखी गई शपथ में नहीं थे.
शपथ ग्रहण पर देवेंद्र फडणवीस ने उठाए सवाल-
इस पर प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सदन के बाहर क्या हुआ उस पर बात नहीं करनी चाहिए. उसके बाद फडणवीस ने कहा कि मुझे संविधान पर बात करने का अधिकार है. अगर ऐसा नहीं है तो मुझे यहां बैठने की जरूरत नहीं है. सदन में बीजेपी नेता लगातार हंगामा कर रहे हैं. सदन में 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे लग रहे हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, जब तक नए स्पीकर की नियुक्ति नहीं होती तब तक प्रोटेम स्पीकर का रहना जरूरी है. प्रोटेम स्पीकर को क्यों बदला गया. अगर यह वही अधिवेशन चल रहा है तो प्रोटेम स्पीकर क्यों बदला गया. उन्होंने कहा, आप लोगों के पास अगर 170 विधायकों का साथ है तो आपको क्या डर है. ऐसा क्या डर था या क्या जरूरत थी कि प्रोटेम स्पीकर बदला गया. सभी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है.
फडणवीस ने कहा, स्पीकर के चुनाव से पहले फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता. जब तक स्थायी स्पीकर नियुक्त नहीं किया जाता तब तक विश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ऐसा भारत के इसिहास में आज तक नहीं हुआ. जब 2014 में हमारी सरकार चुनी गई थी तो पहले हमने स्पीकर चुना था उसके बाद ही विश्वास प्रस्ताव लाया था.