नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर देश की राजनीति गरमाई हुई है. विपक्ष इस मसले को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. इसी बीच लोकसभा में दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) को लेकर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन (Congress MP Adhir Ranjan Chaudhary) ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए बहुत समय से इसपर बातचीत की मांग हो रही थी. पूरा देश यह जानना चाहता हैं कि कैसे ये वाकया हुआ और सरकार ने इस पर क्या कार्रवाई की है. जिससे भविष्य घटना न हो. अधीर रंजन ने कहा गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने हिंसा के दौरान तीन दिन तक कहां थे. उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए गृहमंत्री को जवाब देना चाहिए. अधीर रंजन के सवालों पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी (BJP MP Meenakshi Lekhi) ने जवाब देते हुए पलटवार किया है.
उन्होंने कहा कि वे 1984 के दंगों की बात करते हैं, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि वे भूल गए हैं कि कुछ आरोपी आज सीएम के पद पर हैं. दिल्ली में हुई हिंसा को 36 घंटे के भीतर नियंत्रण में लाया गया था. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि राजधानी में हिंसा के दौरान मरने वाले भारतीय थे. कोई बांग्लादेशी था ऐसी मुझे कोई जानकारी नहीं है. आईबी अफसर अंकित शर्मा की निर्मम हत्या की गई. 400 बार उनपर चाकुओं से हमला हुआ है. मैं बहुत दुखी हूं जो लोग बाते कह रहे हैं. यह भी पढ़े-दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस आक्रामक, राहुल गांधी की मौजूदगी में संसद भवन में किया विरोध प्रदर्शन, गृह मंत्री अमित शाह का मांगा इस्तीफा
ANI का ट्वीट-
Meenakshi Lekhi: They talked of 1984 riots, I would like to tell them that they've forgotten that some accused are today on the position of CM. The violence (#DelhiViolence) was brought under control within 36 hrs which, if you look at in hindsight, was in the making for months. https://t.co/YKdDF6K6yr
— ANI (@ANI) March 11, 2020
वही आप से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के तीन साथियों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के संबंध में आज गिरफ्तार किया गया है. बताना चाहते है कि दिल्ली में हुए इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.
लोकसभा में अधीर रंजन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि एनएसए के सड़क पर उतरते ही दिल्ली में हो रही हिंसा रूक गयी. मैं पूछना चाहता हूं कि अजीत डोभाल जहां जा सकते है वहां गृहमंत्री क्यों नहीं जा सकते.