CM अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के दो करोड़ लोगों के अनुशासन, मेहनत व लगन से हमने COVID-19 को नियंत्रित किया
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: File Photo)

दिल्ली सचिवालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश को आजादी दिलाने वाले शहीदों और आजादी के बाद सीमा की सुरक्षा करते हुए कुर्बानी देने वाले सैनिकों को याद करते हुए उन्हें नमन किया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली के दो करोड़ लोगों के अनुशासन, मेहनत और लगन की बदौलत कोरोना नियंत्रण में हैं. हमें अभी लंबी लड़ाई जीतनी है. आज पूरी दुनिया में दिल्ली माॅडल केस स्टडी बना हुआ है. इस दौरान कोरोना योद्धाओं ने बहुत पुण्य का काम किया. उन्होंने लोगों की जान बचाई. मैं उन सभी लोगों को नमन करता हूं. सीएम ने जिन लोगों में आँक्सीजन स्तर कम हो जाता है, उन्हें आँक्सीजन कंसंट्रेटर देने की घोषणा की. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाना है. इसके लिए हमने डीजल के दाम कम किए, जाॅब पोर्टल शुरू की, इंडस्ट्री एसोसिएशन से चर्चा कर सुझाव लिए और अब उसे लागू भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के सभी व्यापारियों से अगले सप्ताह बात करेंगे और उनकी दिक्कतों का भी समाधान करेंगे. हमें उम्मीद है कि जल्द ही हम अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाएंगे. सीएम ने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि जो भी सब्सिडी मिल रही थी, वह आगे भी जारी रहेगी.

हम प्रतिज्ञा लेते हैं कि जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी, उनके सपनों को पूरा करेंगे:

दिल्ली सचिवालय में आज स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया. कार्यक्रम के मुख्यमंत्री अतिथि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन और दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, विधायक समेत वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे. इसके अलावा सात कोरोना योद्धा भी विशेष आमंत्रित थें. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दीप प्रज्वलन के बाद ध्वाजारोहण किया.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी दिल्ली वासियों और देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर साल हम आज ही के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. आज ही का दिन है, उन सभी शहीदों को याद करने का, जिन लोगों ने अपने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी. शहीदे आजम भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अस्फाक उल्ला खान, सुभाष चंद्र बोस, ऐसे हजारों-लाखों लोग हैं, जिन्होंने अपने देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी. आज का दिन उन सभी लोगों को याद करने का है. जिन लोगों ने देश को आजाद कराने में पूरी जिंदगी तपस्या की. महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर, सरदार पटेल, श्री जवाहर लाल नेहरू और न जाने कितने लोग हैं, जिन्होंने अपना कॅरियर न्यौछावर कर और परिवार को दांव पर लगा कर अपनी पूरी जिंदगी जिंदगी तपस्या की. आज का दिन उन लोगों को भी याद करने का है, जिन्होंने 1947 के बाद पिछले 73 साल में अपने देश की आजादी को बरकरार रखने और अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए सीमाओं पर अपनी बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी है. अभी कुछ दिन पहले भारत-चीन बाॅर्डर पर हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए थे. ऐसे न जाने कितने हमारे सैनिक पिछले 73 साल में देश की रक्षा करने के दौरान शहीद हो गए. आज जब हम खुली हवा में सांस लेते हैं, जब हम आजादी के साथ घूमते हैं, जब हम आजादी के साथ इस देश के अंदर जीते हैं, तो हम भूल जाते हैं कि न जाने कितने ऐसे सैनिकों ने अपनी कुर्बानी दी है. आज उन सभी सैनिकों को हम याद करते हैं, उनका सम्मान करते हैं और उनको नमन करते हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम प्रतिज्ञा लेते हैं कि जितने भी लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी, उनके कुछ सपने थे. जैसे- भगत सिंह ने कहा था, ‘मेरा मकसद केवल इस देश से अंग्रेजों को भगाना नहीं है, मेरा मकसद है एक ऐसा भारत हो, जहां एक अच्छी शिक्षा मिले, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिले, बराबरी का अधिकार मिले, किसानों व मजदूरों को इज्जत की जिंदगी मिले. हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हमारी आजादी के जो दीवाने थे, उनके जो सपने थे, उनके सपनों का भारत पूरा करने में हम अपना योगदान दें.

जब पूरी दुनिया में प्रदूषण बढ़ रहा था, तब दिल्ली की दो करोड़ जनता ने 25 प्रतिशत प्रदूषण कम किया:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर साल हम लोग स्वतंत्रता दिवस छत्रसाल स्टेडियम में बनाते हैं. पूरी दुनिया के अंदर आज कोरोना की महामारी फैली हुई है. पूरी दुनिया और अपना पूरा देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. जिसकी वजह से आज हमें दिल्ली सचिवालय परिसर में स्वतंत्रता दिवस मनाना पड़ा. कोरोना से दिल्ली के अंदर आज हालात काफी नियंत्रण में है. मैं इसके लिए दिल्ली के दो करोड़ लोगों को बधाई देता हूं. दिल्ली के लोगों ने पिछले वर्षों में अभूतपूर्व बड़े-बड़े कार्य करके दिखाएं हैं. पिछले पांच साल के अंदर जब दुनिया और देश भर में, हर शहर में, हर जगह प्रदूषण बढ़ रहा था, दिल्ली शायद अकेला शहर था, जहां दिल्ली के लोगों ने पिछले 5 साल के अंदर 25 प्रतिशत प्रदूषण कम करके दिखाया. लोगों को यकीन नहीं होता है. 2015 में जिस स्तर पर प्रदूषण था, 2019 में उससे 25 प्रतिशत कम हो गया. हम अभी संतुष्ट नहीं हैं. प्रदूषण 25 प्रतिशत कम हुआ है, यह अच्छी बात है. अभी इसको और कम करना है. इसके लिए और बहुत से कदम उठाएंगे और कई कदम सरकार उठा भी रही है. दिल्ली के लोगों के साथ मिल कर इसको अभी और कम करना है, लेकिन बड़ी बात यह है कि जब पूरी दुनिया और देश के अंदर हर जगह प्रदूषण बढ़ रहा था, उस वक्त दिल्ली के अंदर प्रदूषण कम हो रहा था. पिछले 5 साल में दिल्ली के लोगों ने मिल कर डेंगू को नियंत्रित किया. मुझे याद है 2015-16 की घटनाएं. जब एक साल के अंदर डेंगू के 15 हजार केस हुए थे और 60 से अधिक लोगों की मौतें हुई थी, लेकिन पिछले साल 2019 में लोगों ने पूरी दिल्ली में एक ऐसा कार्यक्रम छेड़ा कि पिछले साल एक भी डेंगू की वजह से मौत नहीं हुई थी. यह दिल्ली के लोगों का कमाल है.

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आज दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है और दिल्ली मॉडल पूरे देश में चर्चाओं में है:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने बड़े-बड़े काम करके दिखाए हैं. पूरे देश, पूरी दुनिया में लोग कोरोना की महामारी से जूझ रहे हैं. मुझे याद है कि जून के महीने में दिल्ली के अंदर भी कोरोना काफी फैल गया था. कई लोग दिल्ली छोड़ कर जा रहे थे. दिल्ली आने से कई लोग कतरा रहे थे. पूरी दिल्ली के अंदर डर का माहौल था, लेकिन कुछ हफ्तों के अंदर ही दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने अपनी सूझबूझ, अनुशासन और मेहनत से कोरोना महामारी को भी नियंत्रित कर लिया है. मैं यह नहीं कहता कि हमने लड़ाई जीत ली है. अभी लंबी लड़ाई लड़नी है. अभी हम जो भी कदम उठा रहे हैं, वह सभी कदम आगे भी जारी रहेंगे. साथ ही और भी कदम उठाने की जरूरत है. लेकिन जो स्थिति हमारी दो महीने पहले थी, आज वह स्थिति काफी नियंत्रित हो चुकी है. दिल्ली में लोगों के अंदर डर काफी कम हुआ है. आज पूरे देश के अंदर दिल्ली के लोगों और दिल्ली माॅडल की चर्चा हो रही है. पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली माॅडल केस स्टडी बना हुआ है कि आखिर यह दिल्ली माॅडल है क्या? दिल्ली माॅडल ने सब लोगों को साथ लिया, सभी संस्थाओं को साथ लिया, सारी सरकारों को साथ लिया और यह सभी लोगों के एक साथ प्रयास का नतीजा है कि आज दिल्ली के अंदर स्थिति नियंत्रण में है.

दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रित करने में सहयोग देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया:

जिन लोगों ने दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रित करने में सहयोग किया, उन सभी लोगों का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार का शुक्रिया करना चाहते हैं. हम उन सभी सामाजिक संस्थाओं का शुक्रिया करना चाहता हैं, हम उन सभी धार्मिक संस्थाओं का शुक्रिया करना चाहते हैं, हम उन सारे डाॅक्टर्स के एसोसिएशन, एनजीओ और न जाने कितने लोगों ने इसमें भाग लिया, उन सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहते हैं. आज इस कार्यक्रम में कोरोना योद्धा आए हुए हैं. मैं उन सभी कोरोना योद्धाओं का भी शुक्रिया करना चाहता हूं. हमारे डाॅक्टर, नर्सेंज, पैरामेडिकल स्टाॅफ, पुलिस कर्मी, सिविल डिफेंस वालेंटियर्स, सफाई कर्मचारी, और सभी कोरोना योद्धाओं को, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की है, उन सभी को शुक्रिया है। कोरोना योद्धाओं ने बहुत पुण्य का काम किया है, उन्होंने लोगों की जान बचाई है. आप सभी लोगों को नमन करता हूं.

दिल्ली ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए स्थिति को वैज्ञानिक तरीके से सोचा:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली के कई नए तरीके इजाद किए. हम लोगों ने इस स्थिति को वैज्ञानिक तरीके से सोचा. दिल्ली ने पूरे देश और दुनिया को होम आइसोलेशन की पद्धति दी है. हम लोगों ने इटली, न्यूयार्क, लंदन की कहानियां पढ़ी. पता चला कि वहां पर लोग बीमार होकर अस्पताल जाते थे और वहां बेड नहीं मिलते थे. इटली के अंदर ऐसी-ऐसी कहानियां सुनने को मिली कि सड़कों पर मरीज पड़े हुए हैं. उनको बेड नहीं मिल रहे है. न्यूयार्क में भी बेड नहीं मिल रहे थे. इतने विकसित देश में बेड की कमी कैसे हो गई? तो पता चला कि जो बीमार होता था, उन सभी को अस्पताल ले जाते थे और बीमार बहुत ज्यादा लोग हो रहे थे. इसका कोई अंत नहीं था. इसलिए अस्पताल में बेड कम पड़ रहे थे. तब हम लोगों ने सोचा कि जो गंभीर मरीज हैं, बेड सिर्फ उनके लिए होने चाहिए और जो बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले लोग हैं, उनका घर में इलाज करेंगे. घर में इलाज का मतलब यह नहीं था कि हम अपना पल्ला झाड़ रहे थे और अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे थे. घर में इलाज करने का मतलब यह है कि हमने डाॅक्टरों की एक टीम बनाई. वह डाॅक्टरों की टीम रोज सुबह-शाम होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को फोन करती थी और उससे पता करती थी कि कोई दिक्कत तो नहीं है. इसके कुछ दिनों के बाद उनके घर पर आॅक्सीमीटर पहुंचा दिया गया. यदि आपका आॅक्सीजन स्तर का हो तो हमें फोन कर देना और हम आकर आपको अस्पताल ले जाएंगे.

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कोरोना निगेटिव आने के बाद अस्पताल से घर चले गए लोगों में जिनका आँक्सीजन स्तर नीचे चला जाता है, अगले सप्ताह से उन्हें आँक्सीजन कंसंट्रेटर देंगे:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगले सप्ताह से हम दिल्ली में एक और काम करने जा रहे हैं. दिल्ली में कुछ मरीज ऐसे सामने आए हैं, जिनमें कोरोना तो निगेटिव हो गया है, वो अस्पताल से घर आ गए हैं, लेकिन तीन-चार दिन के अंदर अचानक आँक्सीजन स्तर नीचे चला गया और उनकी मौत हो गई. अब ऐसे मरीज, जिनका घर आने के बाद आँक्सीजन स्तर कम हो जाता है, उनके घर आँक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाने का काम करने वाले हैं. होम आइसोलेशन का माॅडल दिल्ली ने पूरे देश को दिखाया, इसकी वजह से काफी फायदा हुआ. हमारे अस्पताल के बेड खाली हो गए। लोग अपने घर के अंदर इलाज कराना चाहते हैं. यदि कोई जरा सा बीमार हो जाएं या एसिम्टोमैटिक हो जाएं, तो वह अस्पताल में नहीं जाना चाहता है. उनको क्वारंटीन सेंटर जाने से डर लगता है. इसलिए वो जांच ही नहीं कराना चाहते हैं. कई राज्यों के अंदर इसलिए लोग जांच ही नहीं कराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जांच के बाद रिपोर्ट एसिम्टोमैटिक आ गई, तो सरकार उन्हें उठा कर क्वारंटीन सेंटर में डाल देगी. कोई भी 14-14 दिनों तक क्वारंटीन सेंटर में नहीं रहना चाहता है. यह होम आइसोलेशन का माॅडल पूरे देश के अंदर दिल्ली ने दिया.

पूरी दुनिया में दिल्ली सरकार एकमात्र सरकार है, जिसने कोरोना योद्धाओं के लिए एक करोड़ की सम्मान राशि देने की घोषणा की:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली सरकार एक अकेली सरकार है, जिसने कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए यदि किसी कोरोना योद्धा को कोरोना हो जाता है और उसकी जान चली जाती है, तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. यह सिर्फ ऐलान ही नहीं किया गया है, बल्कि अब तक कई सारे कोरोना योद्धाओं को सम्मान दिया गया है. ऐसा नहीं है कि कोई एक करोड़ रुपये के लिए काम कर रहा है. किसी की जिंदगी एक करोड़ रुपये में नहीं आती है. किसी मां से पूछो, उसके लिए उसका बेटा पता नहीं कितने सौ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत का होता है. लेकिन एक करोड़ रुपये देने का कोरोना वारियर्स के अंदर अच्छा संदेश गया. उनको लगा कि एक सरकार ऐसी है, जो हमारा ख्याल रखती है. अगर हम अपनी जान दांव पर लगाकर सेवा कर रहे है, तो सरकार भी हमारा ख्याल रख रही है. जब हम लोगों ने इसका ऐलान किया, तब कई डाॅक्टर एसोसिएशन और सिविल डिफेंस वालेंटियर के संदेश आए. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा लग रहा है कि अब दिल्ली एक टीम के रूप में काम कर रही है. ऐसा नहीं है कि बस आदेश दे दिया जा रहा है, बल्कि हमारा ख्याल रखा जा रहा है.

दिल्ली ने पूरे देश को प्लाज्मा की संकल्पना दी. दिल्ली पहला राज्य था, जहां पर प्लाज्मा के ट्राॅयल किए गए और दिल्ली देश का पहला राज्य बना, जहां पर पहला प्लाज्मा बैंक बनाया गया. आज मेरे हिसाब से 750 से अधिक मरीज प्लाज्मा ले चुके हैं और उनकी जान बचाई जा चुकी है. दिल्ली सरकार ने बहुत से ऐसे काम किए, जिसकी बदौलत आज दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है.

अब हमारे सामने अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती है, हम इसे भी समय पर हासिल कर लेंगे:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की वजह से अभी भी कई सारी चुनौतियां भी हमारे सामने हैं. हमारे सामने सभी बड़ी चुनौती अर्थ व्यवस्था की है. अब अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाना है. जब दिल्ली के लोगों ने बड़ी-बड़ी चुनौतियों को जीत लिया, तो इसको भी जीत लेंगे. यह कोई बड़ी चीज नहीं है. आने वाले समय के अंदर इसको भी ठीक कर लेंगे. अभी हम लोगों ने एक जाॅब बाजार पोर्टल बनाया है. कोरोना के दौरान काफी प्रवासी अपने घर लौट गए, और लाॅकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो गई. जब लाॅकडाउन खुला, तो कई फैक्ट्री वालों ने बताया कि उनके यहां पहले 35 लोग काम करते थे, अब तीन बचे हैं. उन्हें मजदूर और स्टाफ नहीं मिल रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ, कई ऐसे लोग मिलते थे, जो कहते थे कि उन्हें नौकरी नहंी मिल रही है, उनकी नौकरी चली गई है. दिल्ली में नौकरी देने वाले भी हैं और नौकरी लेने वाले भी हैं. इनको मिलाने की जरूरत थी. यह काम हम लोगों ने जाॅब पोर्टल के जरिए की. जिस दिन हम लोगों ने जाॅब पोर्टल को शुरू किया. तब मुझे लगा कि यदि 10-15 हजार लोगों को भी नौकरी मिल जाएगी, तो मुझे खुशी होगी. लेकिन आज तक इस पोर्टल पर लाखों लोग जुड़ चुके हैं. आज की तारीख में इस पर करीब 8.5 लाख से अधिक वैकेंसी हैं और करीब 10 लाख लोग नौकरी लेने वाले यहां पंजीकरण किए हैं. इस पोर्टल पर 8500 कंपनियां पंजीकरण कर चुकी हैं.

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि इतिहास में दिल्ली सरकार, पहली सरकार होगी, जिसने एक साथ 8 रुपये प्रति लीटर डीजल की कीमत कम किया होगा. आज तक मुझे नहीं लगता है कि किसी भी सरकार ने एकदम से इतना कम किया होगा. इससे भी हमें लगता है कि महंगाई पर असर पड़ेगा और दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले दिनों मैने सभी इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ जूम काॅल करके चर्चा की थी. उनके बहुत अच्छे-अच्छे सुझाव आए हैं. उन पर हम काम कर रहे हैं. क्योंकि हमें नहीं पता है कि उद्यमियों को क्या-क्या दिक्कतें आ रही थी. अब हम उन पर काम कर रहे हैं और आने वाले समय में दिल्ली सरकार अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई और भी कदम उठाएगी. अगले सप्ताह मैं दिल्ली के सभी व्यापारियों के साथ चर्चा करूंगा. व्यापारियों को आने वाली दिक्कतों का भी सामाधान किया जाएगा. हम चाहते हैं और हमें विश्वास है कि सभी दिल्ली के लोग मिल कर अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लेकर आएंगे. मुझे इस बात की खुशी है कि इस दौर में जब दिल्ली सरकार का राजस्व इतना कम हो गया है, दिल्ली सरकार का टैक्स कम हो गया है, उसके बावजूद हम लोगों ने अच्छा वित्तीय प्रबंधन करके आपकी एक भी सब्सिडी कम नहीं होने दी है. लोगों को संदेह था कि अब शायद कोरोना की वजह से मुफ्त बिजली को खत्म कर दिया जाएगा. पानी मुफ्त कर रखा है, उसे खत्म कर देंगे. महिलाओं का किराया मुफ्त कर रखा है, उसको खत्म कर देंगे. जितनी सब्सिडी दिल्ली सरकार लोगों को कोरोना के पहले दे रही थी, वो सारे फायदे कोरोना के समय में बरकरार रहे और आने वाले समय में भी वो सारे फायदे बरकरार रहेंगे.

कोरोना से जब तक हम पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो जाएंगे, हम स्कूल नहीं खोलेंगे:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब चारों तरफ कोरोना फैला हुआ था, ऐसी दुख की घड़ी में हम सब लोगों को एक सुखद समाचार सुनने को मिला. हमारे दिल्ली के बच्चों इतिहास के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए। पूरे देश के रिकाॅर्ड तोड़ दिए. हमारे दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों के बच्चों के 98 प्रतिशत नतीजे आएं हैं. हम पहले इसे सपने में भी नहीं सोच सकते थे. हमने भी नहीं सोचा था कि ऐसा हो सकता है. हमारे दिल्ली के बच्चों ने कमाल कर दिया. उन्होंने दिखा दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है. उन्होंने एक उम्मीद दी है कि हो तो सकता है. अभी जब मैं लोगों से मिलता हूं और बहुत सारे बच्चों के अभिभावकों के संदेश आ रहे हैं कि अभी स्कूल मत खोल देना. मैं उन सभी लोगों को आश्वस्त करता हूं कि मुझे भी आप लोगों के बच्चों की उतनी ही चिंता है, जिनती आपको है. जब तक कि हम पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो जाएंगे, हम स्कूल नहीं खोलेंगे. आपके बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है. आपके बच्चों की सेहत हम लोगों ने महत्वपूर्ण है.

डेंगू के खिलाफ दस हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट का कार्यक्रम पिछले साल की तरह इस साल भी सितंबर के महीने में शुरू करेंगे:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बारिश का मौसम चल रहा है. हर साल बारिश के दौरान डेंगू का सीजन आता है. कहीं ऐसा न हो कि हम कोरोना की लड़ाई में डेंगू को भूल जाएं. इस बार भी पिछली बार की तरह एक भी मौत डेंगू की वजह से नहीं होने देनी है. जैसे पिछले साल हम लोगों ने शुरू किया था दस हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट का कार्यक्रम किया था. वही कार्यक्रम इस बार भी सितंबर के महीने में शुरू करेंगे. ताकि डेंगू से हम सभी और पूरी दिल्ली बच सके.

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स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में इस पांच को किया गया सम्मानित-

असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट प्रकाश चंद शर्मा:

इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पांच कर्मवीरों को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट प्रकाश चंद शर्मा को सम्मानित किया गया. प्रकाश चंद शर्मा 1984 में जेल विभाग में एक वार्डर के रूप में पदभार ग्रहण किए. 2005 में हेड वार्डर और 2015 में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के रूप में प्रोन्नति प्राप्त की. साकारात्मक दृष्टिकोण और कार्य के प्रति समर्पण भाव इनकी पहचान रही है. अपने कर्तव्यों के प्रति सदैव निश्चित समय सीमा के अंदर पूरा किया. बंदियों के कल्याण के लिए सदैय प्रयास किए. जेल में साक्षरता कार्यक्रम के प्रति विशेष योगदान देते रहे हैं. उन्हें सीएम ने राष्ट्रपति के सुधारात्मक सेवा पदक से सम्मानित किया.

हेड वार्डर ओम प्रकाश:

हेड वार्डर (रोल नंबर 652) ओम प्रकाश 1996 में दिल्ली कारागार में हेड वार्डर का पदभार संभाला. इन्होंने अपने लगन और विशिष्ट सेवाभाव से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा. दिल्ली में श्री अन्ना हजारे के आंदोलन के समय उन्होंने अपने कुशलता के चलते प्रतिकूल परिस्थिति को भी असहज नहीं होने दिया. उनका व्यवहार कैदियों के लिए मार्ग दर्शक और प्रशंसनीय रहा है. नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर में प्रशिक्षण के दौरान दिखाया गया उनका उत्साह प्रशंसनीय रहा, जिससे फाइलों की आवाजाही को सरल बनाया जा सका। उन्हांेंने अब तक के सेवाकाल में कोई भी मेडिकल छुट्टी नहीं ली है. ओम प्रकाश को प्रेसिडेंट करेक्शन सर्विस मेडल फाॅर मेडिटोरियल से 2013 में सम्मानित किया गया था. उन्हें प्रेसिडेंट करेक्शन सर्विस फाॅर डिस्टिंग्यूस के लिए गणतंत्र दिवस 2019 को सम्मानित किया गया था.

हेड वार्डर श्रीपाल दास सिंह:

श्री पाल दास सिंह 1996 में जेल विभाग में वार्डर के रूप में पद ग्रहण किया। 2014 में हेड वार्डर बने. जेल विभाग अपराधियों के रिकाॅर्ड को व्यवस्थिति किया. बंदियों को तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा मिले, इसके लिए उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया. जेल में ‘पढ़ो और पढ़ाओ’ कार्यक्रम को सफलता पूर्वक क्रियांवित किया. बंदियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा किए गए कार्यों को हेल्पिंग हैंड नामक पुस्तक में संग्रहित किया। बंदियों के म्यूजिकल थेरेपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आज उन्हें राष्ट्रपति सुधारात्मक सेवा से सम्मानित किया गया.

हेड वार्डर मोहिंदर सिंह:

मोहिंदर सिंह दिल्ली कारागार में 1996 में वार्डर के रूप में शामिल हुए. वह 2014 में हेड वार्डर के रूप में पदोन्नत हुए. जेल स्टोर में नियुक्त होने के बाद स्टोर रजिस्टर को बेहतरीन तरीके से संभाला. 31 मार्च 1998 और 1 अप्रैल 1998 को जेल नंबर एक में जब दूध के सप्लायर ने अचानक दूध की सप्लाई बंद कर दी, तो पूरा जेल प्रशासन तनावपूर्ण था. उनके साहस और बुद्धिमता पूर्ण सामाधान ने 12 हजार कैदियों के लिए दूध की व्यवस्था सुनिश्चिित किया और जेल की प्रतिष्ठा को धूमिल होने से बचाया जा सका. जेल के महानिदेशक ने इस कार्य के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. उनके प्रयास से 450 कैदियों का आटा चक्की का प्रशिक्षण पूरा हुआ. जेल प्रशासन ने इसके लिए विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया. उन्हें जेल प्रशासन ने पंचवटी योग आश्रम और नेचर क्योर सेंटर के लिए नामित किया और अब इसे जेल के कार्य व्यवहार में ला रहे हैं. आज उन्हें राष्ट्रपति सेवा सुधारात्मक पदक से सम्मानित किया गया.

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हेड वार्डर राबेंद्र सिंह विष्ट:

हेड वार्डर राबेंद्र सिंह विष्ट 1996 में जेल विभाग में वार्डर के रूप में शामिल हुए. जेल में चलाए जा रहे सभी सुधारात्मक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लिया. इन्होंने सेंट्रल जेल नंबर 2 में कार्य करते हुए विशिष्ट सेवाएं प्रदान की. सेंट्रल जेल से रोहिणी और मंडोली जेल के कैदियों का स्थानांतरण रहा हो, गांधी जयंती 2018 के अवसर पर प्रस्तावित कैदियों की सूची तैयार करने का कार्य रहा हो या जेल में कोई अवैध गतिविधि न हो, उस पर रोक लगाने में इन्होंने सदैव ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जेल के आंतरिक प्रशासन में नियमों को लागू करने में अहम योगदान रहा है. इन्हें पूर्व में 10 कमेंडेशन रोल और 4 प्रशस्ति पत्र और कई बार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. आज उन्हें मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के सुधारात्मक पदक से सम्मानित किया है.