हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया कि पार्टी किसी मुख्यमंत्री पद के चेहरे को सामने नहीं लाएगी. उन्होंने कहा कि चुनावों के बाद मुख्यमंत्री के चयन का फैसला पार्टी का उच्च नेतृत्व करेगा. अजय सिंह यादव ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ेगी. चुनाव के बाद, चुने गए विधायकों की राय ली जाएगी और फिर उच्च नेतृत्व निर्णय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा.
यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हरियाणा कांग्रेस में अंदरूनी कलह की खबरें चर्चा में हैं. फिलहाल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि, पार्टी के अंदर एक धड़ा, जिसमें कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला शामिल बताए जा रहे हैं, हुड्डा द्वारा सारी शक्ति अपने हाथ में रखने से नाराज है. किरण चौधरी भी पहले इस धड़े का हिस्सा थीं, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी जब उनकी बेटी को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया.
अजय सिंह यादव का दावा
हालांकि, अजय सिंह यादव ने हरियाणा कांग्रेस में किसी प्रकार की अंदरूनी कलह की खबरों को नकार दिया. अजय यादव ने ANI से बातचीत में कहा कि अगर उनकी उम्मीदवारों की सूची को माना जाए, तो कांग्रेस 90 में से 70 से अधिक सीटें जीत सकती है. "टिकट वितरण का आधार जीतने की क्षमता होनी चाहिए... पार्टी में कोई आपसी झगड़ा नहीं है."
विपक्ष की रणनीति और बीजेपी की तैयारी
इस बीच, विपक्षी दल भी अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं. जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, लेकिन अजय सिंह यादव ने इसे कांग्रेस के लिए कोई चुनौती नहीं माना. उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा और बीजेपी को हरियाणा से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा.
चुनाव की तारीखें
हरियाणा में विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होने हैं, और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी. इस बीच, कांग्रेस और बीजेपी सहित सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं, और देखना होगा कि इस बार हरियाणा की जनता किसे सत्ता सौंपती है.