Karnataka Election Result 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को करारी मात दी है. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका है. क्योंकि कर्नाटक ही एक दक्षिण का एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी की सरकार थी. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि राज्य में बीजेपी के खराब प्रदर्शन और कांग्रेस की जीत के क्या कारण हो सकते हैं.
कर्नाटक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा
राहुल गांधी ने तीन चरणों में कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 21 दिनों तक पैदल चलकर 511 किमी का सफर तय किया. यात्रा ने राज्य में प्रवेश करते ही जनता से भारी प्रतिक्रिया प्राप्त की. यह सात लोकसभा और 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी, जिसका असर चुनाव परिणाम में नजर आया.
बजरंग बली से लेकर कमीशनखोरी तक चर्चा में रहे ये मुद्दे
कांग्रेस ने हर मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की. फिर चाहे वो भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या फिर मुख्यमंत्री बदलने का फैसला. बजरंग बली से लेकर कमीशनखोरी तक कई मुद्दे चर्चा में रहें. कर्नाटक में बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बैकफुट पर रही. कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर आरोप लगाया कि वो हर कॉन्ट्रैक्ट पर 40 फीसदी कमीशन खा रही थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और बाकी तमाम नेताओं ने हर मंच से 40% कमीशन वाली सरकार बोलकर बीजेपी पर तंज कसा. ये भी पढ़ें- Karnataka Election Result 2023: बीजेपी को बड़ा झटका! कर्नाटक चुनाव में 6 मंत्री रुझानों में पीछे, शिवकुमार, सिद्दारमैया आगे
बजरंग दल, केरला स्टोरी और बाकी हिंदुत्व वाले मुद्दे फेल
कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वहां के लोगों के बीच बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे ही सबसे ज्यादा हावी हैं. जनता ने बजरंग दल, केरला स्टोरी और बाकी हिंदुत्व वाले मुद्दों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
सामाजिक न्याय और विकास पर केंद्रित एक मजबूत अभियान
कांग्रेस पार्टी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, लिंगायत और वोक्कालिगा के लिए आरक्षण बढ़ाने के साथ-साथ पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा करते हुए सामाजिक न्याय और विकास के मंच पर अभियान चलाया. यह संदेश मतदाताओं के साथ प्रतिध्वनित हुआ, जो हिंदुत्व और विकास पर भाजपा के फोकस से बदलाव की तलाश कर रहे थे.
बीजेपी कैंपेन में सिर्फ मोदी पर फोकस
भाजपा का अभियान काफी हद तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित था, लेकिन यह संदेश कर्नाटक में मतदाताओं के साथ प्रतिध्वनित नहीं हुआ. बीजेपी ने प्रचार के दौरान कई गलतियां भी कीं, जैसे कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारना.
कांग्रेस पार्टी की जीत विपक्ष के लिए भी हौसला बढ़ाने वाली है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती है.