स्मृति ईरानी की डिग्री पर कांग्रेस ने कसा तंज, ‘मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी’ बनाया गाना

उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को नामांकन पत्र भरा. इस दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक स्मृति ग्रेजुएट नहीं हैं. उन्होंने केवल प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था जिसकी पढाई आज तक पूरी नही नहीं हो सकी है.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को नामांकन पत्र भरा. इस दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक स्मृति ग्रेजुएट नहीं हैं. उन्होंने केवल प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था जिसकी पढाई आज तक पूरी नही नहीं हो सकी है. उनके पास 1.75 करोड़ की चल और 2.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. वहीं अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के हलफनामे में डिग्री की जानकारी नहीं देने पर कांग्रेस ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया.

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्मृति पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘एक नया धारावाहिक आने वाला है ‘क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी’ जिसकी शुरुआती बोल कुछ ऐसी होगी, ‘क्वालिफिकेशन के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं. एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफिडेविट नए हैं.’

यह भी पढ़े- चुनावी हलफनामा: सोनिया गांधी के पास न बंगला न गाड़ी, स्मृति ईरानी की कॉलेज की डिग्री भी आधी-अधूरी

पॉपुलर धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की तर्ज पर प्रियंका चतुर्वेदी ने यह गाना गया. इसके बाद उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी जी ने अपने शैक्षिक योग्यता को लेकर एक चीज कायम की है कि किस तरीके से ग्रेजुएट से वापस 12 वीं में आया जाता है. और ऐसा केवल मोदी सरकार में मुमकिन हो सकता है.

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्मृति ईरानी के 2004, 2011, 2014 और 2019 के हलफनामे को डाला है. चुनाव आयोग से कांग्रेस ने स्मृति ईरानी का नामांकन रद्द करने की फिर से मांग की है.

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया कि उन्होंने साल 1991 में हाईस्कूल और 1993 में बारहवीं की परीक्षा पास की. स्मृति इरान ग्रैजुएट नहीं है. हलफनामे के मुताबिक स्मृति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में पत्राचार से बीकॉम में दाखिला लिया था. लेकिन इसे पूरा नहीं किया. वह साल 1994 में प्रथम वर्ष की छात्रा थीं.

गौरतलब हो कि साल 2004 के दौरान लोकसभा चुनाव के लिए स्मृति ईरानी ने जो हलफनामा दिया था उसमें उन्होंने अपना क्वालिफिकेशन ग्रैजुएट बीए पास बताया था. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में नामांकन पत्र में बीकॉम ग्रैजुएट होने की बात कही थी. उनके क्वालिफिकेशन के अलग-अलग दावों के कारण ही वह विवादों में आ गई.

Share Now

\