लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने इसे 'न्याय पत्र' नाम दिया है. मैनिफेस्टो में कांग्रेस ने बड़े चुनावी वादे किए हैं. इसमें 25 तरह की गारंटी दी गई हैं.
कांग्रेस की गारंटी: न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए, 40 लाख सरकारी नौकरियां, गरीब महिलाओं को एक लाख की मदद, ट्रेनिंग के लिए एक लाख की मदद, शहरी रोजगार गारंटी स्कीम लाने का वादा किया है.
कांग्रेस का 'न्याय पत्र'
हाथ बदलेगा हालात#CongressNyayPatra pic.twitter.com/VH18TA3nFe
— Congress (@INCIndia) April 5, 2024
EVM और बैलेट पेपर का संयोजन: कांग्रेस पार्टी चुनाव कानूनों में संशोधन करके इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की दक्षता और बैलेट पेपर की पारदर्शिता को जोड़ना चाहती है. मतदान EVM के माध्यम से होगा लेकिन मतदाता मशीन द्वारा उत्पन्न वोटिंग स्लिप को पकड़कर वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) इकाई में जमा कर सकेगा. इलेक्ट्रॉनिक वोटों की गिनती का मिलान VVPAT स्लिप की गिनती से किया जाएगा.
कैशलेस बीमा योजना: देशभर में 25 लाख रुपए तक निशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जाएगी.
व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा: कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि वह भोजन, पहनावे, प्यार, शादी, यात्रा और भारत में कहीं भी रहने के व्यक्तिगत विकल्पों में हस्तक्षेप नहीं करेगी. व्यक्तिगत स्वतंत्रता में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करने वाले सभी कानूनों और नियमों को निरस्त किया जाएगा.
दलबदल पर रोक: कांग्रेस पार्टी संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन करके दलबदल (जिस पार्टी से विधायक या सांसद चुने गए थे, उसे छोड़ना) को विधानसभा या संसद की सदस्यता से स्वत: अयोग्यता बनाने का वादा करती है.
सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना: जातियों और उपजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आंकलन करने और योजनाओं का लाभ उचित तरीके से वितरित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जनगणना कराई जाएगी.
आरक्षण का विस्तार: एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन लाया जाएगा.
EWS आरक्षण: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण बिना किसी जातिगत भेदभाव के लागू होगा.
बैकलॉग रिक्तियों को भरना: एक वर्ष के भीतर एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित सभी बैकलॉग पदों को भरा जाएगा.
संविदा प्रथा का अंत: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.
ऋण सुविधा: एससी और एसटी समुदाय के लोगों को घर बनाने, व्यवसाय शुरू करने और संपत्ति खरीदने के लिए संस्थागत ऋण आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा.
भूमि वितरण: भूमिहीन गरीबों को सरकारी और अधिशेष भूमि के वितरण की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा.
सार्वजनिक खरीद नीति: एससी और एसटी समुदाय के ठेकेदारों को अधिक सरकारी ठेके दिए जाएंगे.
छात्रवृत्ति में वृद्धि: ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों के लिए, विशेषकर उच्च शिक्षा के लिए, छात्रवृत्ति की राशि दोगुनी की जाएगी. एससी और एसटी छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए सहायता और पीएचडी छात्रवृत्ति की संख्या दोगुनी की जाएगी.
आवासीय विद्यालय: गरीब, विशेषकर एससी और एसटी छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों का नेटवर्क बनाया जाएगा और इसे हर ब्लॉक तक विस्तारित किया जाएगा.