Punjab Election 2022: पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बगावती मूड में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार, कहा- पंजाब में कांग्रेस हार रही है
आईएएनएस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहना अब मुश्किल हो रहा था. उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने का ऑप्शन अभी खुला है. हालांकि फिलहाल उन्होंने किसी पार्टी में शामिल होने से इंकार किया है.
Punjab Assembly Election 2022: कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार (Ashwini Kumar) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरण जीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) पर निशाना साधा है. इतना ही नहीं उन्होंने पंजाब में कांग्रेस पार्टी के हारने का दावा किया है. कांग्रेस के सीनियर नेता रहे अश्विनी कुमार ने सोमवार को ही कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. आईएएनएस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहना अब मुश्किल हो रहा था. उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने का ऑप्शन अभी खुला है. हालांकि फिलहाल उन्होंने किसी पार्टी में शामिल होने से इंकार किया है. यह भी पढ़े: इस्तीफे के बाद बोले अश्विनी कुमार- कांग्रेस अब पहले जैसी पार्टी नहीं रही, उनके पास नेतृत्व की कमी
अश्विनी कुमार ने इस्तीफे के बाद कहा है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में नतीजे चौंकाने वाले होंगे, क्योंकि वहां कांग्रेस चुनाव हार रही है और आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है.
सवाल- आपने कांग्रेस पार्टी में इतने लंबे समय रहने के बाद अब छोड़ने का निर्णय लिया। क्या वजह है?
जवाब- वजह साफ है कि पिछले काफी महीनों से अपने आप को असहज, असहाय और अनदेखा महसूस कर रहा था और मैंने ये समझा कि अब हम लोगों की जरूरत पार्टी में नहीं है. इसलिए इससे पहले की और जलालत सहनी पड़े मैंने अपने आप को पार्टी से अलग कर लिया. मैं ये मानता हूं कि पार्टी से बाहर मैं बहुत कुछ कर सकता हूं. पार्टी के अंदर रहकर मैं जो कुछ करना चाहता था वो मैं नहीं कर पा रहा था. इसलिए मैंने अपने प्रति ये फर्ज निभाते हुए ये तय किया कि अब हमको वो करना है जिससे हम सहज महसूस करें जिससे हम अपने आपको ऊपर उठा सकें.
सवाल- आपने पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी बात को रखने का प्रयास किया। क्या उन सभी बातों को नजरअंदाज किया गया?
जवाब- पार्टी के प्लेटफॉर्म अब हैं कौन.. हमारे पास और जिनको कहना था. उनको अपने तौर से कहने की कोशिश की, बताने की कोशिश की पर हमको लगता है कि कोई न कोई वजह रही होगी कि आज जिस बात को इतना वजन देना चाहिए था वो नहीं मिला और इसलिए हमको लगता है कि संकेत साफ है कि मेरा इस पार्टी में वो योगदान नहीं हो सकता, जिस योग्यता का मैं हकदार हूं। मैंने इस मामले में काफी सोच-विचार किया और इस निर्णय पर पहुंचा कि ताजा परिस्थितियों और अपनी मर्यादाओं के अनुरूप मेरे लिए बेहतर होगा कि पार्टी से अलग होकर बड़े फलक पर राष्ट्रीय हित में काम करूं.
सवाल - पंजाब में कांग्रेस पार्टी में क्या सब कुछ ठीक चल रहा है। आपने ये संकेत भी दिए कि एक चौंकाने वाला नतीजा सामने आ सकता है.
जवाब- मैं बहुत हफ्ते पंजाब के प्रचार में पार्टी संगठन के काम में लगा कि आया हूं और जो मैंने सचाई जमीनी हकीकत देखी है, उससे मुझको ये लगाता है कि वहां पर आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से आगे बढ़ रही है.
सवाल- कांग्रेस पार्टी पंजाब में सत्ताधारी दल है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि चरणजीत सिंह चन्नी बेहद लोकप्रिय भी हैं. इसलिए उनको इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है। अब आपको ऐसा क्यों लगता है कि कांग्रेस हार रही है?
जवाब- मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कहते हैं कि वो गरीब घर से आये हैं तो उनके 'घर में सिर्फ 10-12 करोड़ रुपये मिले' हैं ज्यादा तो मिला नहीं. तो अब कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर चन्नी की नजर में गरीबी की परिभाषा भी बदल गुई है। अब देखते हैं कि पंजाब में कितने लोगों के घरों में 10-12 करोड़ रुपये हैं। जिनके पास इतने पैसे हैं वो तो जरूर वोट डालेंगें. पंजाब में कमियां साफ दिख रही हैं। मैंने कभी ऐसा नहीं सुना था कि बीच चुनाव में सीएम पद की कुर्सी के लिए लड़ाई हो, जबकि गद्दी अभी मिली नहीं है. पंजाब में कांग्रेस का मजाक बनाया जा रहा है.
वहां ऐसा दिखाया जा रहा जैसे दो-तीन नेताओं के अलावा किसी ने पार्टी के लिए कुछ किया ही नहीं है। ऐसे हालातों में इतनी पुरानी पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी यह मेरी समझ के बाहर है। मुझे जितना समझ आ रहा है कि पंजाब में कांग्रेस चुनाव हार रही है और आम आदमी पार्टी चुनाव जीत रही है। जब आप के उम्मीदवार का नाम नहीं सुना था वहां लोग तब से झाड़ू की बात कर रहे हैं। देहाती इलाकों में जहां कभी अकाली दल, कांग्रेस का वर्चस्व था वहां नए उम्मीदवारों को समर्थन मिलता दिख रहा है.
सवाल- एक लंबा अनुभव रहा आपको करीब 46 साल कांग्रेस पार्टी में और केंद्रीय कानून मंत्री भी रहे आप. अब जबकि आपने इस्तीफा दे दिया है कांग्रेस पार्टी में बाहर से क्या सलाह देंगे आप जोकि आप पार्टी के भीतर रह कर नहीं कर पाये?
जवाब- हम अपनी डगर खुद नापेंगे। अब और दम से राजनीति करूंगा और अपनी तकदीर खुद लिखूंगा क्योंकि आज देश को लोगों को जोड़ने वाली राजनीति की जरूरत है.
सवाल- क्या अब आपने किसी और पार्टी में जाने का सोचा है?
जवाब- मैंने इस पर कोई विचार नहीं किया है मगर कोई भी पार्टी अछूत नहीं है. देश की हर कमी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराना भी ठीक नहीं है। मेरा हमेशा से मानना है कि विचारों की लड़ाई होनी चाहिए, व्यक्तिगत नहीं. देश और समाज की सेवा अगर पार्टी में रहकर नहीं की जा सकती तो पार्टी में रहना बेहतर नहीं है.
सवाल- क्या आप जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और आरपीएन सिंह की तरह बीजेपी में जाएंगे या आम आदमी पार्टी से बातचीत चल रही है?
जवाब- मैंने पहले भी कहा अभी कोई फैसला नहीं लिया है, न ही बीजेपी में जाने की बात की है। न ही फिलहाल आम आदमी पार्टी में जाने का फैसला किया है। मैं क्या केजरीवाल ममता बनर्जी से भी मिलता रहा हूं। मेरे सभी नेताओं से अच्छे संबंध हैं पर अभी फैसला नहीं लिया.
सवाल- अपने पिछले 46 सालों में कांग्रेस पार्टी में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी सभी के नेतृत्व में काम किया क्या कुछ फर्क नजर आया?
जवाब- नई कांग्रेस जिसको खड़ा करने की कोशिश हो रही है, उसका भविष्य अंधकार में दिखता है. उसमें कोई सीनियर या जूनियर आए उससे फर्क नहीं पड़ता. आने वाले 10-12 सालों में मुझे इस पार्टी का भविष्य अंधकार में ही दिखाई पड़ता है. किसी अकेले शख्स से ना पार्टी चढ़ती है, ना डूबती है. जब ढांचा ही खराब हो जाए तो कोई क्या करे.
सवाल - कांग्रेस में तमाम असंतुष्ट नेता भी पार्टी का हिस्सा बने हुए हैं पर आप कभी जी-23 ग्रुप का हिस्सा क्यों नहीं बने?
जवाब - मेरी लड़ाई इस बात से थी कि जी-23 वाले पार्टी के अंदर हमेशा चुनावों की बात करते थे। बुनियादी मुद्दों की बात नहीं करते थे जबकि ये खुद जानते थे कि गांधी परिवार के चलते चुनाव में इनको पार्टी के अंदर 10 वोट नहीं मिलेंगे। जी-23 ऐसी की ऐसी लड़ाई थी जिसका कोई मतलब नहीं था। कांग्रेस के अंदर रहकर गांधी परिवार से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती.