नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय रायसीना डायलॉग प्रोग्राम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ( General Bipin Rawat ) ने 'युवाओं में कट्टरवाद' खत्म करने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आज 12 साल के लड़के-लड़कियों को भी कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. इन लड़के-लड़कियों को धीरे-धीरे कट्टरता से दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा ऐसे बच्चों को डीरैडिकलाइजेशन कैंप (De-Radicalisation Camps) में भेजना चाहिए. वहां के परिणाम पॉजिटिव आ रहे हैं. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक बिपिन रावत ने कहा कि जम्मू- कश्मीर में ऐसे डीरैडिकलाइजेशन कैंप बने हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को कट्टर बनाया गया था लेकिन डीरैडिकलाइजेशन कैंप जाने के बाद परिणाम बेहतर आए हैं. वहीं जनरल बिपिन रावत के इस बयान के बाद सियासी पारा फिर से गरमा गया है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत बयान पर पलटवार किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, लिंचिंग करने वालों और उनके आकाओं का डीरैडिकलाइजेशन कौन करेगा? ओवैसी ने लिखा, बंगाल और असम के मुसलामनो की जो नागरिकता का विरोध कर रहे हैं उनका क्या? योगी, पाकिस्तान जावो और मेरठ के एसपी का डीरैडिकलाइज किया जाए?
This is not the first ridiculous statement he has made. Policy is decided by civilian a dministration not by any General. By speaking on policy/politics, he is undermining civilian supremacy
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 16, 2020
गौरतलब हो कि बिपिन रावत ने कहा कि जब तक हमलोग आतंकवाद की जड़ को समझ नहीं लेंगे, तब तक इसके खिलाफ युद्ध जारी रहेगा. रावत ने आगे कहा कि हमें आंतकवाद का अंत करना होगा. यह केवल उसी तरह हो सकता है जैसे अमेरिका ने 9/11 के बाद शुरू किया था. उन्होंने कहा कि आइये आतंकवाद पर वैश्विक वॉर पर जायें. इसके साथ ही ऐसा करने के लिए आपको आतंकवादियों को अलग-थलग करना पड़ेगा. दिल्ली में रायसीना डायलॉग 2020 (Raisina Dialogue 2020) में बात करते हुए बिपिन रावत ने ये बातें कही हैं.