आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI ने मुलायम सिंह और अखिलेश यादव को दी क्लीनचिट, कहा- कोई सबूत नहीं मिला

सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि मुलायम और अखिलेश के खिलाफ नियमित मामला दर्ज करने के लिए उसे कोई सबूत नहीं मिला.

अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव (Photo Credits-PTI)

आय से अधिक संपत्ति मामले (Disproportionate Assets Case) में समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को राहत मिली है. दरअसल, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने इस मामले में मुलायम और अखिलेश को क्लीनचिट दी है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया है. सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि पिता और पुत्र के खिलाफ नियमित मामला (Regular Case) दर्ज करने के लिए उसे कोई सबूत नहीं मिला. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को मुलायम और अखिलेश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को जांच की स्थिति से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था.

दरअसल, नियमित मामला दर्ज करने के लिए यह विषय अब तक सीबीआई के सामने लंबित था. याचिका में कहा गया था कि अब तक मुलायम-अखिलेश के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई और इससे न केवल पूरे मामले को अपूरणीय क्षति पहुंची बल्कि यह हमारी जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठे. इसमें कहा गया कि सीबीआई कानून के अनुसार नियमित मामला दर्ज करने और क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट को प्राथमिकी की रिपोर्ट देने के लिए बाध्य है. यह भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने मायावती के साथ ट्विटर पर पोस्ट की तस्वीर, लिखा- अब अगले कदम की तैयारी

बता दें कि राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और मुलायम के एक अन्य बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई करे.

भाषा इनपुट

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