Cash-for-Query Row: महुआ मोइत्रा की बढीं मुश्किलें, 30 दिनों के अंदर बंगला खाली करने का नोटिस
Mahua Moitra | PTI

नई दिल्ली: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है. वहीं लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद मोइत्रा ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने निलंबन को चुनौती दी है. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की घोषणा की. महुआ मोइत्रा का लोकसभा से निष्कासन संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात: ममता बनर्जी.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने कहा कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है.

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप है. इसकी जांच एथिक्स कमेटी ने की, जिसने सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की. बता दें कि हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को आचार समिति को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए उन्हें अपना ‘लॉग-इन आईडी’ और पासवर्ड दिया था.

निष्कासन के बाद मोइत्रा ने कहा, "मैं 49 साल की हूं और मैं अगले 30 साल तक संसद के अंदर और बाहर आपके खिलाफ संघर्ष करूंगी." उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.