Bihar Panchayat Chunav 2021: EC का बड़ा फैसला, बिहार पंचायत चुनाव में प्रत्याशी नहीं कर सकेंगे राजनीतिक दलों के झंडे और बैनर का इस्तेमाल
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही गांवों में सरगर्मी बढ़ गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. आयोग इस चुनाव को शातिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस क्रम में प्रत्याशी किसी भी राजनीति दल के झंडे, बैनर और नाम चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. पंचायत आम निर्वाचन 2021 के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि राज्य में चुनाव दलगत आधार पर नहीं होना है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर या दल के झंडा की आड़ में चुनाव प्रचार कार्य नहीं होना चाहिए.

इसके अलावा उम्मीदवार सरकारी, अर्धसरकारी परिसदनों, विश्रामगृहों, डाक बंगलों या अन्य आवासों का उपयोग भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे. सूत्रों का मानना है कि राज्य में पंचायत चुनाव हालांकि निर्दलीय होते हैं, लेकिन प्रत्याशियों को अमूमन किसी को किसी पार्टी का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन प्राप्त होता है. इस समस्या को देखते हुए आयोग ने राजनीतिक दलों के झंडे-बैनर को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है. यह भी पढ़े: Bihar Panchayat Election 2021 Dates: 24 सितंबर से 12 दिसंबर तक 11 चरणों में होंगे बिहार पंचायत चुना

प्रत्याशियों द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी का भी पालन करना अनिवार्य किया गया है. आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि किसी भी प्रत्याशी द्वारा न तो गैर कानूनी शराब खरीदी जाए और न ही किसी को पेश या वितरित किया जाए.प्रत्येक प्रत्याशी अपने कार्यकतार्ओं को भी ऐसा करने से रोकें.

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में छह पदों मुखिया, पंच, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए मतदान होगा. इस चुनाव में पहले चरण के लिए 24 सितंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 12 दिसंबर को 11 वें तथा अंतिम चरण का मतदान होगा। बाढ़ क्षेत्रों में अंतिम चरणों में मतदान होंगे.

उल्लेखनीय है कि बिहार में वर्ष 2016 में गठित त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां जून महीने में भंग कर दी गई हैं। जून के पहले कोरोना के कारण चुनाव कराना संभव नहीं था। जून के बाद पंचायत चुनाव तक पंचायत परामर्शी समिति काम कर रही हैं.