BSP राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति पर हुए उत्पीड़न मामले में चुप्पी तोड़ी, कहा- मुख्यमंत्री देर आए पर दुरस्त आए
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उप्र में अनुसूचित जाति पर हुए उत्पीड़न मामले में चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा बहन-बेटियों के मामले में आगे भी कार्रवाई तुरन्त व समय से होनी चाहिये, यही बेहतर होगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है. उन्होंने आगे लिखा कि आजमगढ़ में मुस्लिम लड़कों ने दलितों को बेरहमी से पीटा.
लखनऊ, 13 जून: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने उप्र में अनुसूचित जाति पर हुए उत्पीड़न मामले में चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा बहन-बेटियों के मामले में आगे भी कार्रवाई तुरन्त व समय से होनी चाहिये, यही बेहतर होगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है. मायावती ने शनिवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, "उप्र में चाहे आजमगढ़, कानपुर या अन्य किसी भी जिले में खासकर दलित बहन-बेटी के साथ हुये उत्पीड़न का मामला हो या फि र अन्य किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न का मामला हो, उसकी जितनी भी निन्दा की जाये, वह कम है."
उन्होंने आगे लिखा, "खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुये उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई को लेकर उप्र के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है. लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा." मायावती ने लिखा कि "चाहे इसके दोषी किसी भी धर्म, जाति व पार्टी के बड़े से बड़े नेता व कितने भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो, उनके विरूद्व तुरन्त व सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चहिये. बीएसपी का यह कहना व सलाह भी है."
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उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार तथा अपराध के मामले में बेहद सख्त हैं. जौनपुर में दलितों के साथ मारपीट के बाद घर जलाने के आरोपतियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है. आजमगढ़ में भी दलित बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में एक दर्जन लोगों को अंदर भेजने के साथ एनएसए लगाया है.
दलितों के उत्पीड़न मामले में चुप्पी को लेकर सेवानिवृत्त आइपीएस बृजलाल ने मायावती और भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "सुश्री मायावती जी, आपने सियासी मंच पर दशकों खुद को 'दलित की बेटी' कह कर सत्ता का मजा लिया है. आज आजमगढ़ की दलित बेटियां आपको पुकार रही हैं और आप चुप हैं. 'गेस्ट हाउस कांड' की पीड़ा से कम, यह दर्द नहीं है बहन जी. बहन जी संबोधन की ही लाज रखते हुए चंद अल्फोज बोल दीजिए."
उन्होंने आगे लिखा कि आजमगढ़ में मुस्लिम लड़कों ने दलितों को बेरहमी से पीटा. वजह, दलितों ने अपनी बालिकाओं से की जा रही छेड़छाड़ का विरोध किया था. इतनी संवेदनशील घटना पर दलित हित के नाम पर दशकों तक मलाई खाने वाली मायावती और प्रो़ दिलीप मंडल चुप्पी साधे हैं.
बृजलाल ने कहा कि "दलितों की रहनुमाई की नुमाइश करने वाले बहुरुपिए भीम आर्मी चीफ जौनपुर-आजमगढ़ की लोमहर्षक घटना पर खामोश हो? अपनी गुंडई को 'दलित शक्ति ' बताने वाले 'रावण' आजमगढ़ में मुस्लिमों द्वारा सताई तुम्हारी दलित बहनें बिलख रही हैं. क्या पीड़ित का धर्म देख कर तुम्हारा दलित प्रेम उभरता है?"