VIDEO: 'विनेश फोगाट राहुल गांधी पर भी झूठा यौन शोषण का आरोप लगा सकती हैं', ब्रजभूषण सिंह के इस बयान पर मचा हंगामा

पूर्व भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में एक लाइव टीवी इंटरव्यू में विवादित टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम घसीटा.

ब्रजभूषण और विनेश के बीच की कड़वाहट

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने दिल्ली के जन्तर-मंतर पर धरना प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. इसके परिणामस्वरूप, सिंह को WFI के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह अब न्यायालय में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.

फोगाट और अन्य खिलाड़ियों ने ब्रजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस विवाद के चलते सिंह की प्रतिष्ठा पर गहरा असर पड़ा है.

कांग्रेस पर आरोप

सिंह ने हाल ही में कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह पहलवानों का उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है. उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का नाम लिया और कहा कि कांग्रेस उसे WFI पर कब्जा करने और भाजपा को कमजोर करने की योजना में शामिल है.

ब्रजभूषण का विवादास्पद बयान

एक रिपोर्टर के साथ बातचीत में, ब्रजभूषण ने विनेश फोगाट और राहुल गांधी के एक वायरल फोटो का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि विनेश कभी राहुल गांधी पर भी झूठा आरोप लगा सकती हैं, जिससे विवाद और बढ़ गया.

ब्रजभूषण की टिप्पणी

रिपोर्टर: "विनेश का राहुल जी के साथ एक बहुत 'अद्भुत' फोटो आया है."

ब्रजभूषण: "यह सच में अद्भुत है. देखिए कैसे वह राहुल जी से मुलाकात कर रही हैं. मुझे ऐसी एक भी फोटो नहीं मिली. आप देखिए, वह कैसे राहुल जी से मिल रही हैं. कभी वो राहुल जी पर भी आरोप लगा सकती हैं कि उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया."

ऐतिहासिक दुश्मनी और हुड्डा कनेक्शन

सिंह ने भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ अपनी पुरानी दुश्मनी को भी उठाया और कहा कि यह विवाद 2012 के WFI चुनावों में हुड्डा के बेटे की हार से शुरू हुआ था. सिंह का दावा है कि हुड्डा और कांग्रेस उसके खिलाफ साजिश कर रहे हैं.

सिंह का WFI पर नियंत्रण 2012 में एक लंबी शक्ति संघर्ष के बाद शुरू हुआ था. लेकिन पिछले साल महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों ने उनकी स्थिति पर सवाल खड़ा कर दिया है.

ब्रजभूषण का यह बयान न केवल विनेश और राहुल गांधी के बीच विवाद को लेकर है, बल्कि यह भारतीय कुश्ती के भीतर चल रहे राजनीतिक खेल को भी उजागर करता है.