TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ‘बिहारी गुंडा’ कहने का लगाया आरोप, बोले- पूरे हिंदी भाषी लोगों को दी गाली
संसद के अंदर अपने बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अकसर चर्चा में रहती हैं. हालांकि इस बार उनका नाम एक विवाद से जुड़ गया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) का दावा है कि टीएमसी सांसद मोइत्रा ने उन्हें संसद के भीतर ‘बिहारी गुंडा’ कहा है.
नई दिल्ली: संसद के अंदर अपने बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अकसर चर्चा में रहती हैं. हालांकि इस बार उनका नाम एक विवाद से जुड़ गया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) का दावा है कि टीएमसी सांसद मोइत्रा ने उन्हें संसद के भीतर ‘बिहारी गुंडा’ कहा है. पेगासस के मुद्दे पर संसद में चर्चा हो, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराई जाए: विपक्ष
उन्होंने ट्वीट कर कहा “लोकसभा लोकसभा अध्यक्ष जी अपने 13 साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुना, तृणमूल कॉंग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा द्वारा बिहारी गुंडा.. आईटी कमेंटि के मीटिंग में तीन बार बोला गया.. ओम बिरला जी शशि थरूर जी ने इस संसदीय परम्परा को ख़त्म करने की सुपारी ले रखी है.”
एक और ट्वीट में बीजेपी नेता ने कहा “तृणमूल तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) ने बिहारी गुंडा शब्द का प्रयोग कर बिहार के साथ साथ पूरे हिन्दी भाषी लोगों को गाली दी है, ममता बनर्जी जी आप के सांसद महुआ मोइत्रा की इस गाली ने उत्तर भारतीय व खासकर हिंदी भाषी लोगों के प्रति आपके पार्टी के नफरत को देश के सामने लाया है.”
उल्लेखनीय है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. उन्होंने नियम 222 का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस विपक्षी दलों के लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय समिति की बैठक हो रही है. दुबे के मुताबिक, उन्होंने कांग्रेस नेता थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक हुई थी. इसमें शामिल बीजेपी सांसद बैठक आरंभ होने से पहले ही बाहर चले गए थे. उनका दावा था कि इस बैठक के एजेंडे के बारे में उन्हें सूचित नहीं किया गया था. बीजेपी सांसदों का कहना था कि जब विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है तो फिर संसदीय समिति कैसे अपना काम कर सकती है.