इंदौर: बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा अफसर की पिटाई से बीजेपी बैकफुट पर, कांग्रेस ने बोला हमला, सोशल मीडिया पर पार्टी की हो रही है किरकिरी
बीजेपी वि‍धायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अफसर को बैट से पीटा (Photo Credits: ANI)

भोपाल : मध्य प्रदेश के इंदौर में जर्जर मकान को तोड़ने गए नगर निगम के अमले की क्रिकेट के बल्ले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) द्वारा पिटाई किए जाने के मामले ने भाजपा को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया है, वहीं कांग्रेस को हमला करने का मौका दे दिया. इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा मुख्यालय ने रिपोर्ट तलब की है.

इंदौर में नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस और अन्य की क्रिकेट के बल्ले से की गई पिटाई के मामले ने राज्य की सियासत में उबाल ला दिया है. भाजपा इस मसले पर कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. वहीं, सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल होने से पार्टी की किरकिरी हो रही है.

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आकाश विजयवर्गीय इंदौर की जेल में हैं, उन्हें बुधवार की रात को न्यायालय से जमानत न मिलने पर जेल भेजा गया था. जेल के बाहर कार्यकताओं का जमावड़ा है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश की जमानत के लिए गुरुवार को न्यायालय में फिर अपील की जाएगी. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय से इस मसले पर बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से यह कहते हुए साफ इंकार कर दिया कि यह मामला न्यायालयाधीन है.

भाजपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "भाजपा लगातार राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर मुद्दा बना रही थी, सरकार पर हमलावर थी, मगर इंदौर की घटना ने भाजपा के एक आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है. पार्टी यह तय नहीं कर पा रही है कि, इस मामले को किस तरह लिया जाए, क्योंकि सामने आ रहे वीडियो पूरी कहानी बयां कर रहे हैं."

भाजपा कई दिनों से कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही थी. इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था, "प्रदेश भर में पुलिस की बर्बरता बढ़ती जा रही है. रतलाम पुलिस ने एबीवीपी और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को बेरहमी से पीटा. यह सरकार की विद्वेष की राजनीति को बयां करता है. मुख्यमंत्री कमलनाथ इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर दोषी पुलिस कíमयों पर कठोर कार्रवाही करें."

इससे पहले भोपाल में एक युवक की कथित तौर पर पिटाई से हुई मौत को भी भाजपा ने मुद्दा बनाया था. पार्टी सूत्रों का कहना है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तक पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संयमित रहने का निर्देश देते आ रहे है, उसके बावजूद इंदौर की घटना हो गई. इसे पार्टी ने गंभीरता से लिया है. साथ ही पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है.

इंदौर में भाजपा विधायक द्वारा नगर निगम के अमले की पिटाई के मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आकाश विजयवर्गीय के बयान का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, "आकाश विजयवर्गीय - 'हमें भाजपा में सिखाया जाता है - पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनादन.' क्या इससे स्पष्ट नहीं होता कि भाजपा को ना नियम पर, ना कानून पर, ना संविधान पर विश्वास है?"

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्येातिरादित्य सिंधिया ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, "इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर-निगम के अधिकारियों के साथ मारपीट की घटना घोर निदनीय व अक्षम्य है. लोकतंत्र में सबको विरोध करने व अपनी बात रखने का अधिकार है, पर भाजपा विधायक ने जो खुलेआम गुंडागर्दी का प्रदर्शन किया है, उसने भाजपा के चरित्र की पोल खोल दी है."

राज्य से भाजपा के सत्ता से बाहर होने के बाद यह चौथी ऐसी घटना है जिसमें भाजपा के नेताओं के पुत्रों ने अपनी दबंगई दिखाई है और पुलिस को कार्रवाई करना पड़ी. इससे पहले मंत्री कमल पटेल के बेटे, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे और विधायक जालम सिंह पटेल के बेटे पर भी पुलिस मामला दर्ज कर चुकी है.