नई दिल्ली: देश में आगामी चुनावों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. यह हलचल बीजेपी के लिए बुरी साबित हो रही है, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने सांसदों की संख्या बढ़ाकर बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ा रही है. साल 2014 लोकसभा चुनाव में 44 सांसदों के साथ संसद पहुंची कांग्रेस ने 53 महीनों में अपने 5 सांसद बढ़ा लिए हैं. कर्नाटक की बेल्लारी लोकसभा सीट जीतने के बाद कांग्रेस सांसदों की संख्या 49 हो गई है. हालांकि कांग्रेस अभी भी लोकसभा में विपक्षी पार्टी के दावे से दूर है. बता दें कि उसे विपक्षी पार्टी का दर्जा 54 सांसदों पर ही मिलेगा.
कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी के सांसदों की संख्या 272 रह गई है, जबकि साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 282 सांसदों की साथ दर्ज की थी. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल बीजेपी ने अब तक 10 सांसद खोए हैं, जिसमें कांग्रेस ने उससे पांच सीटें छीनी हैं.
बीजेपी पर भारी पड़ती कांग्रेस
गौरतलब हो कि 2014 के बाद 30 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से 16 सीटें बीजेपी के कब्जे में थीं, लेकिन अब बीजेपी इनमें 6 सीटें ही बरकरार रख सकी, जबकि 10 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि लोकसभा में उसकी सीटों का आंकड़ा 282 से घटकर 272 रह गया है. इन 10 सीटों में 5 सीटें कांग्रेस ने अपने कब्जे में ली है, इसलिए कहा जा सकता है कि आगामी चुनावों में कांग्रेस बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ा सकती है. वहीं कांग्रेस के लिए बेल्लारी सीट पर वापसी दक्षिण भारत में उनकी वापसी के शुभ संकेत भी हैं.
बता दें कि एक समय बेल्लारी सीट को कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं जब बीजेपी के साथ आए तो वहां बीजेपी मजबूत हो गई. कांग्रेस ने अब 14 सालों के बेल्लारी सीट पर वापसी की है. कांग्रेस उम्मीदवार वीएस उग्रप्पा ने रिकार्ड पांच लाख से अधिक वोट पाए और दो लाख से अधिक से जीते हैं.
फिर से मजबूती की ओर बढ़ रही है कांग्रेस
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की रतलाम, पंजाब की गुरुदासपुर, राजस्थान की अजमेर और अलवर के साथ बेल्लारी की सीट उपचुनाव में जीती है. बेल्लारी के साथ कर्नाटक उपचुनाव के पूरे नतीजों को देखे तो गठबंधन की राजनीति मजबूत हुई है. हालांकि बेल्लारी के अलावा कांग्रेस ने अन्य चार उपचुनाव बिना गठबंधन अकेले दम पर जीते थे.