बीजेपी पिछड़ों के खिलाफ, उपेंद्र कुशवाहा को अलग हो जाना चाहिए: बिहार कांग्रेस प्रभारी
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा (Photo Credits: IANS)

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) की भाजपा के साथ तनातनी बढ़ने के बीच कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने रविवार को कहा कि बीजेपी पिछड़ों एवं अति पिछड़ों के खिलाफ है और ऐसे में इन समुदायों की राजनीति करने वाले उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता को राजग से अलग हो जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के राजग से अलग होने की स्थिति में उनके संप्रग के साथ आने जैसी किसी भी संभावना पर बात करना ‘समयपूर्व’ होगा. बीजेपी के साथ जारी कुशवाहा की खींचतान के संदर्भ में गोहिल ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी और अमित शाह का अहंकार इतना अधिक है कि आत्मसम्मान वाला कोई भी सहयोगी दल भाजपा के साथ नहीं रह सकता. केंद्र की बीजेपी सरकार की विफलताएं इतनी ज्यादा हैं कि उनके साथ जो रहेंगे, उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ बिहार में जो लोग पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति करते हैं उनको राजग से बाहर निकलना ही चाहिए क्योंकि भाजपा पिछड़ों और अति पिछड़ों के खिलाफ राजनीति कर रही है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर कुशवाहा जी वहां असहज महसूस कर रहे हैं तो उसकी पुख्ता वजह है. यह वजह नरेंद्र मोदी और अमित शाह का अहंकार और बीजेपी सरकार की विफलता है.  कुशवाहा जी एक अच्छे नेता हैं और अब तक उन्होंने पिछड़ों एवं अति पिछड़ों की राजनीति की है. ऐसे लोगों को इस फासीवादी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहिए.’’

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यह पूछे जाने पर कि क्या आने वाले दिनों में रालोसपा बिहार में राजद एवं कांग्रेस के साथ होगी तो गोहिल ने कहा, ‘‘इस बारे में अभी कुछ भी कहना समयपूर्व होगा.’’ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो अपने आपको धर्मनिरपेक्ष कहते हैं वो फासीवादी ताकतों के साथ हैं. बिहार में अनैतिक गठबंधन चल रहा है.सत्ता के लिए ऐसी विचारधाराओं का मेल करने की कोशिश हो रही है जो पूरी तरह बेमेल हैं.’’

सीटों के बंटवारों को लेकर भाजपा के साथ रालोसपा की खींचतान शनिवार को उस वक्त बढ़ गई जब कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी को सीटों की जो पेशकश की है, वह ‘‘सम्मानजनक नहीं’’ है. कुशवाहा ने इन सीटों की संख्या का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि बिहार में राजग के घटक दलों द्वारा 30 नवंबर तक सीट बंटवारा समझौते पर पहुंचने से पहले वह इस बारे में नहीं बोलेंगे.