All India Muslim Personal Law Board On Madrasa, नई दिल्ली, 2 सितंबर: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मदरसों को कथित रूप से निशाना बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की है. बोर्ड ने आरोप लगाया कि राज्यों की भाजपा सरकारें मदरसों के पीछे पड़ी हैं. IIT Delhi reduced M Tech fees: आईआईटी दिल्ली ने एम टेक की फीस 25,000 रुपये प्रति सेमेस्टर से घटाकर 17,500 की
बोर्ड ने पूछा कि मठ, गुरुकुल और धर्मशालाओं जैसे अन्य धार्मिक संस्थानों पर भी यही नियम लागू क्यों नहीं होते. एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने एक बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रभावित एक पार्टी की केंद्र और कुछ राज्यों की सरकारें अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के प्रति नकारात्मक रुख अपना रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक खास विचारधारा से प्रभावित पार्टी सत्ता में आती है, तो उससे यह उम्मीद की जाती है कि उसका दृष्टिकोण निष्पक्ष और संविधान के दायरे में होगा.’’ रहमानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संसद और अन्य जगहों पर कानून-व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया है, लेकिन भाजपा नीत विभिन्न राज्य सरकारों का रवैया इसके विपरीत है.
बृहस्पतिवार को जारी बयान में उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘असम और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारें (नियमों के) बेहद मामूली उल्लंघनों पर मदरसों के पीछे पड़ी हैं. मदरसों को बंद करके, उन्हें ध्वस्त करके और यहां तक कि मदरसों और मस्जिदों में काम करने वाले लोगों को बिना किसी कारण के आतंकवादी बताकर उन्हें परेशान किया जा रहा है.’’
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