पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर जेपी नड्डा का पलटवार, कहा- आप उसी कांग्रेस से हैं जिसने बिना लड़े देश की जमीन सरेंडर की थी
जेपी नड्डा ने मनमोहन सिंह को पहले अपनी पार्टी को समझाने की नसीहत दी. उन्होंने पूर्व पीएम पर निशाना साधते हुए कहा, वो उसी पार्टी से जुड़े हैं जिसकी सरकार के दौरान बिना लड़े ही भारतीय जमीन सरेंडर कर दी गई.
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधा. पूर्व पीएम के बयान पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने एक के बाद एक, कई ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री को घेरा. जेपी नड्डा ने कहा, "मनमोहन सिंह की लद्दाख पर टिप्पणी सिर्फ शब्दों का खेल है. कोई भी भारतीय इस तरह के बयान पर विश्वास नहीं करेगा."
जेपी नड्डा ने मनमोहन सिंह को पहले अपनी पार्टी को समझाने की नसीहत दी. उन्होंने पूर्व पीएम पर निशाना साधते हुए कहा, वो उसी पार्टी से जुड़े हैं जिसकी सरकार के दौरान बिना लड़े ही भारतीय जमीन सरेंडर कर दी गई. जेपी नड्डा ने कहा, "कांग्रेस ने बिना लड़े चीन को 43,000 किमी जमीन सरेंडर कर दिया था. यूपीए शासन के दौरान बिना लड़े सरकार को सरेंडर करते हुए लोगों ने देखा है. बार-बार सेना को छोटा बताया गया था." यह भी पढ़ें- 'सुरेंद्र मोदी' वाले बयान पर जेपी नड्डा का राहुल गांधी पर पलटवार, कहा- नरेंद्र मोदी इंसानों के ही नहीं देवताओं के भी राजा.
यहां देखें जेपी नड्डा का ट्वीट-
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं का व्यवहार ऐसा है जिसे देख किसी भी भारतीय को इस बयान पर भरोसा नहीं होगा. याद रखिए कांग्रेस ने हमेशा सेना पर सवाल उठाए हैं." जेपी नड्डा ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी पर विश्वास करता है और समर्थन करता है. 130 करोड़ भारतीयों ने परीक्षा की घड़ी में पीएम मोदी के नेतृत्व को देखा है, उन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा है."
क्या कहा था पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने-
पूर्व पीएम और कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि पीएम मोदी को अपने शब्दों के प्रभाव पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी दावे को बल नहीं देना चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, "हम चीन की धमकियों और दबाव के सामने नहीं झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे." उन्होंने कहा था, "यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है."
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के फैसले और सरकार की तरफ से उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है. हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है. उन्होंने कहा था, भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति एवं मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता, यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए.