नई दिल्ली, 13 नवंबर. देश में कोरोना (Coronavirus Outvreaks in India) मरीजों के संख्या रोजाना सामने आ रही है. दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में प्रदुषण (Delhi Air Pollution) के चलते कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. प्रदुषण और कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड़ में काम कर रही है. राजधानी दिल्ली में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का असर दिखाई पड़ता है. इसी कड़ी में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बताया कि पराली को खाद में बदलने वाली बायो-डिकम्पोज़र तकनीक दिल्ली में कारगर साबित हुई है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारें इसे लागू कर किसानों की मदद करें.
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि बायो-डिकम्पोज़र तकनीक दिल्ली में सफल साबित रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 साल से हर साल अक्टूबर और नवंबर में पराली जलने की वजह से पूरा उत्तर भारत परेशान रहता है. इस बारे में अब तक कोई ठोक काम नहीं किया गया था, हर साल बस इस समय शोर होता है, राजनीति होती है. यह भी पढ़ें-Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण में कुछ सुधार देखने को मिला
ANI का ट्वीट-
दिल्ली के 24 गांव में बायो-डिकम्पोज़र को छिड़कने के 20 दिन बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि 70-95% तक डंठल गल चुका था, इससे किसान बहुत खुश हैं। अब समाधान तो निकल गया है, अब बारी सरकारों की है, क्या वो इसको लागू करेंगी? :दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल https://t.co/bhZxe1uAek
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2020
दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली के 24 गांव में बायो-डिकम्पोज़र को छिड़कने के 20 दिन बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि 70-95 फीसदी तक डंठल गल चुका था, इससे किसान बहुत खुश हैं. अब समाधान तो निकल गया है, अब बारी सरकारों की है, क्या वो इसको लागू करेंगी? उन्होंने आगे कहा कि अभी दिल्ली में कोरोना बढ़ रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है. दिल्ली के लोगों ने पिछले महीने तक कोरोना पर काबू पा लिया था.