नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 को संसद में पेश करने के लिए बुधवार को मंजूरी दी. इस विधेयक का मकसद पंजीकृत चिटफंड उद्योग के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करना और इस क्षेत्र को सरल बनाना है. इस विधेयक से चिटफंड योजनाओं में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी.
फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह विधेयक हाल ही में संसद में पास हुए अनियमित जमा और पोंजी स्कीमों पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक से अलग है. यह भी पढ़े-मोटर व्हीकल संशोधन बिल को राज्यसभा ने दी मंजूरी, पक्ष में 108 और विपक्ष में पड़े 13 वोट, सख्त होंगे ट्रैफिक नियम
मंत्री ने कहा, इस विधेयक में विभिन्न चिटफंड योजनाओं से प्राप्त नियमित जमा को लेकर प्रावधान किए गए हैं. विधेयक से विनियमन में मजबूती आएगी. मंत्री ने बताया कि विधेयक पेश होने पर सरकार इसे संसद के चालू सत्र में ही पारित करवाने की कोशिश करेगी.
एक अन्य फैसला लेते हुए मंत्रिमंडल ने सात अगस्त को सिंगापुर या संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले यूएन कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल सेटलमेंट एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की.