बिहार (Bihar) में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर लगातार हमला बोल रहे हैं. राज्य में घटित घटनाओं को लेकर तेजस्वी यादव नीतीश सरकार की जोरदार घेराबंदी कर रहे हैं. ताजा मामला बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) जिले में घटित एक घटना को लेकर है. दरअसल, तेजस्वी यादव ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 (Bihar Special Armed Police Bill, 2021) को लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साधा है. यह भी पढ़ें- Bihar: तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- बिहार में शराब माफियाओं को सीएम का आशीर्वाद प्राप्त है.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'बिहार पुलिस अपराधियों को छोड़ रंगदारी के लिए अब किसी को भी उठा उसका मर्डर कर सकती है. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक अधिसूचित होते ही पुलिस ने रंगदारी शुरू कर दिया. अनजान CM को तो इस घटना का पता भी नहीं होगा सदन में इस बिल के बारे में झूठ बोल रहे थे. अब सम्भालें अपनी पुलिस को?
तेजस्वी यादव का ट्वीट-
बिहार पुलिस अपराधियों को छोड़ रंगदारी के लिए अब किसी को भी उठा उसका मर्डर कर सकती है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक अधिसूचित होते ही पुलिस ने रंगदारी शुरू कर दिया। अनजान CM को तो इस घटना का पता भी नहीं होगा सदन में इस बिल के बारे में झूठ बोल रहे थे। अब सम्भालें अपनी पुलिस को? pic.twitter.com/zmG2cClSS7
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 3, 2021
दरअसल, कुछ दिनों पहले भागलपुर जिले के बरारी पुलिस स्टेशन में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पुलिस ने सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी संजय यादव को सोमवार रात करीब 10 बजे हिरासत में लिया था. स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी यादव को घसीटते हुए थाने ले गए और हिरासत में लेने के बाद उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिस कारण उसकी मौत हो गई. इस मामले में एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है.
वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर प्रहार कर रही है. दरअसल, 23 मार्च को बिहार विधानसभा में विपक्ष की गैरहाजिरी में विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पास हुआ था. इस विधेयक के पास होने से पहले विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था. विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे थे. इस दौरान विधानसभा परिसर में कथित तौर पर पुलिस ने विपक्षी दलों के विधायकों की पिटाई की थी.