पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों से बार-बार दुष्कर्म करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपने दु:ख और चिंता को व्यक्त किया. मलिक ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म को हृदय विदारक बताया और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम सुझाए. मलिक ने इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन को भी पत्र लिखा है.
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि मलिक ने राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित ऐसे आश्रय गृहों में रहने वाले लड़कों, लड़कियों और महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालतों में कराने को कहा है.
उन्होंने मीडिया में आईं ऐसे ही अन्य अस्थाई आवास केंद्रों की अव्यवस्थाओं की तत्काल और गहन जांच तथा बाद में उनकी लगातार निगरानी का भी सुझाव दिया.
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने योग्य संस्थाओं द्वारा ऐसे आश्रय गृहों के नियमित सोशल ऑडिट (निरीक्षण) करने की जरूरत पर बल दिया.
मलिक ने इस संबंध में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की सिफारिशों को लागू करने को भी कहा.
मुजफ्फरपुर आश्रय गृह उस समय सुर्खियों में आया जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने टीआईएसएस द्वारा यहां किए गए सोशल ऑडिट के आधार पर एक मामला दर्ज कराया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रविवार को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामला अपने हाथ में ले लिया.