Bihar: बिहार में चुनावी वादे पुरे करने की कवायद में जुटी नीतीश सरकार, 20 लाख रोजगार और सभी को कोरोना के मुफ्त वैक्सीन को कैबिनेट ने दी हरी झंडी
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने अब चुनावी वादे को पूरा करने की कवायद प्रारंभ कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना संक्रमण का मुफ्त टीका देने तथा सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार देने के 20 लाख से ज्यादा नए अवसर सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में 15 एजेंडे पर मुहर लगी. इस बैठक में कोरोना के टीका का पूरे राज्य में निशुल्क टीकाकरण कराने का निर्णय लिया गया.
पटना, 15 दिसंबर. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने अब चुनावी वादे को पूरा करने की कवायद प्रारंभ कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना संक्रमण का मुफ्त टीका देने तथा सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार देने के 20 लाख से ज्यादा नए अवसर सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में 15 एजेंडे पर मुहर लगी. इस बैठक में कोरोना के टीका का पूरे राज्य में निशुल्क टीकाकरण कराने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा बैठक में राज्य से बाहर काम करने वाले कामगारों का पंचायतवार डाटाबेस तैयार करने तथा इन कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण एवं अनुरवण बिहार विकास मिशन के तहत कराने का निर्णय लिया गया.
बैठक में सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार के 20 लाख से ज्यादा नए अवसर सृजित करने तथा अविवाहित महिलाओं के इंटर (12 वीं) पास होने पर 25 हजार तथा स्नातक पास होने पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया. बैठक में राज्य के वृद्घों के लिए शहरों में आश्रय स्थल बनाने तथा शहर में रहने वाले बेघर या भूमिहीन गरीबों के लिए बहुमंजिला भवन बनाने का भी निर्णय लिया गया. इसके अलावा राज्य के प्रत्येक आईटीआई और पॉलिटेकनिक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाने का भी निर्णय लिया गया. यह भी पढ़ें-Bihar Coronavirus Vaccine: कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारी शुरू, पहले कोरोना वॉरियर्स को दी जाएगी वैक्सीन
बैठक में युवाओं को व्यवसाय से जोड़ने के लिए परियोजना लागत पर 50 फीसदी अनुदान (अधिकतम पांच लाख रुपये) देने पर फैसला हुआ है, तथा अधिकतम पांच लाख का ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर देने का भी फैसला लिया गया.