पटना:- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election 2020) को लेकर बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) के बीच 'तू डाल-डाल, मैं पात-पात' का खेल चल रहा है. वैसे कहने के तो सभी बोल रहे हैं हम साथ-साथ हैं. लेकिन अंदरूनी खिचड़ी कुछ और ही पक रही है. क्योंकि कुछ नेताओं के ऐलान स्पष्ट करता है आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और जेडीयू के बीच सीएम पद को लेकर खटपट हो सकती है. दिसंबर महीने में जडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में JDUको गठबंधन सहयोगी बीजेपी से अधिक सीट दिए जाने संबंधी बयान दिया था. जिसके बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किशोर पर पलटवार करते हुए उन्हें एक चुनाव रणनीतिकार के रूप में अपना काम याद दिलाया था. इस मतभेद के बीच खुद सीएम नीतीश को आना पड़ा था और उन्होंने कहा था कि यहां सब ठीक है.
अब चुनाव से पहले एक बार सीएम के नाम को लेकर बीजेपी बनाम जेडीयू में मसला फिर गरमाने लगा है, दरअसल बिहार के बीजेपी एमएलसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने न्यूज़ एजेंसी एनआईए से कहा कि बिहार की जनता सूबे में बीजेपी का मुख्यमंत्री देखना चाहती है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी एक एक्टिव पार्टी है. उन्होंने कहा कि अब निर्णय पीएम मोदी जी और सुशील मोदी जी लेंगे. हम तो बिहार में अकेले चुनाव जितने का दम रखते हैं. विधायक संजय पासवान के इस बयान के बाद एक बार फिर से बिहार की राजनीति में सियासी उबाल आने लगा है. यह भी पढ़ें:- बिहार: तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- सीएम आवास में शराब माफिया मटरगस्ती करते हैं.
Sanjay Paswan, BJP MLC and former Union Minister: People of Bihar want to see a BJP leader as Bihar CM, BJP is the strongest and most active party in the state. Ultimately we will abide by what PM Modi and Sushil Modi ji decide,but we are capable of winning elections alone pic.twitter.com/VEKSTuOrN3
— ANI (@ANI) January 8, 2020
बता दें कि बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर करीब सभी प्रमुख दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) के अध्यक्ष अमित शाह पार्टी संगठन में जोश भरने के साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जैसे मसलों पर विरोधियों को जवाब देने के लिए 16 जनवरी को बिहार पहुंचेंगे. गौरतलब हो कि राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली हार के बीजेपी सतर्क हो गई है. यही कारण हैं कि दिल्ली और बिहार में जीत के लिए अमित शाह ने अपनी रणनीति बना ली है.