बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अब पूरे चरम पर है. पार्टियां एक दूसरे पर जमकर आरोप मढ़ने में लगी हैं. एनडीए (NDA) हो या महागठबंधन दोनों दल के रणबांकुर मैदान फतेह करने के लिए उतर चुके हैं. इस बार के चुनाव में कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कई चुनाव साथ मिलकर लड़ने वाले नेता अलग राह पर निकल चुके हैं. इसी तरह की राह लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया (LJP) चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चुना है. वैसे तो चिराग पासवान नीतीश कुमार से नाराज होकर निकले हैं लेकिन उन्होंने बीजेपी पर कुछ नहीं कहा, बल्कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवारों को मैदान में न उतारने का फैसला किया है. चिराग के इस फैसले से सियासी गलियारें में हलचल तेज हो गई थी और सवाल उठने लगा था कि कहीं बीजेपी का यह प्लान B तो नहीं है. क्योंकि मतभेद के कारण नीतीश कुमार की JDU और बीजेपी ने साल 2015 का चुनाव अलग होकर लड़ा था.
लेकिन इन सभी अटकलों पर बीजेपी ने विराम लगा दिया है. बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी पहले ही LJP को मोदी के नाम पर वोट मांगने से मना कर दिया था. इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का एक बड़ा बयान आया है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि चिराग पासवान ने बिहार में अपना अलग रास्ता चुना है। BJP के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर वो भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहें. BJP की कोई B,C टीम नहीं है और BJP, JDU, HAM ,VIP 4 पार्टियों का हमारा गठबंधन मज़बूती से चुनाव लड़ रही हैं और हम तीन चौथाई से विजय होंगे. उन्होंने LJP को वोट कटर पार्टी बताया. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Election 2020: बिहार चुनाव के बीच जिन्ना समर्थक को टिकट देने पर अपनी ही पार्टी कांग्रेस पर भड़के नेता ऋषि मिश्रा, कही ये बात.
ANI का ट्वीट:-
Chirag Paswan has chosen a separate path in #Bihar, he is trying to mislead people by taking names of senior BJP leaders. We don't have any B or C team. NDA will get three-fourth majority. Chirag's party will be left as a vote cutter party: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/fI6ZuCKdRQ
— ANI (@ANI) October 16, 2020
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान के सिर से पिताजी रामविलास पासवान का साया छीन जाने से चुनौतियां और बढ़ गई हैं. हालांकि माना यह भी जा रहा है कि पार्टी को इस चुनाव में सहानभूति वोट भी मिल सकता है, जिसे बटोरने में पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. बिहार की राजनीति में पांच दशक तक अपना रूतबा कायम रखने वाले रामविलास ने पार्टी की जिम्मेदारी पुत्र चिराग के कंधों पर डाल दी थी.