Bihar Assembly Elections 2020: बिहार की राजनीति में लौटा 'भाभीजी' का ग्लैमर, RJD में शामिल हुई लवली आनंद, कभी जनसभाओं में उमड़ती भीड़ से दिग्गजों को दे चुकी हैं टेंशन
'भाभीजी' लवली आनंद (Photo Credits: Facebook)

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections 2020) से पहले सूबे की राजनीति में 'भाभीजी' का ग्‍लैमर लौट आया है. पूर्व सांसद लवली आनंद ने सोमवार को पटना में RJD की सदस्यता ली. लवली आनंद (Lovely Anand) का बिहार की राजनीति में अलग ही स्थान है. एक समय था जब 'भाभीजी' लवली आनंद का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था. उनकी जनसभाओं की भीड़ को देखकर लालू यादव (Lalu Yadav)और बीजेपी के बड़े-बड़े नेता भी परेशान होते थे. एक समय लवली आनंद बिहार की राजनीति का ग्‍लैमरस चेहरा हुआ करती थीं और उनके ग्‍लैमर का तड़का बिहार के चुनावों में दिखता भी था. उनकी रैलियों और जनसभाओं की मांग उस समय के बड़े-बड़े नेताओं से ज्यादा हुई करती थी.

लवली आनंद बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) की पत्‍नी हैं. रविवार को उनके साथ उनके बेटे चेतन आनंद ने भी RJD की सदयस्ता ली. भाभी जी अब इस चुनाव में क्या रंग बिखेरती हैं इसका सभी को इंतजार रहेगा. RJD की सदयस्ता लेने के बाद लवली आनंद ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. लवली आनंद ने कहा, वर्तमान सरकार जुल्मी सरकार है. इसने आनंद मोहन समेत सभी बड़े नेताओं को जेल भेजने का काम किया है. ये सरकार धोखेबाज है लेकिन जनता अब इस सरकार को हिसाब सिखाएगी. यह भी पढ़ें | क्या तेजस्वी यादव इस बड़े वादे से लुभा पाएंगे वोटरों को?

लवली आंनद के पति आनंद मोहन ने 1993 में बिहार पीपुल्स पार्टी की स्थापना की थी. यह वह दौर था जब बिहार में लालू यादव का वर्चस्व था. लालू प्रसाद यादव की बढ़ती लोकप्रियता पर लगाम लगाने के काम आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद ने किया था. लवली आनंद ही थी जिनके करान 1995 के बिहार चुनाव में बिहार पीपुल्स पार्टी ने नीतीश कुमार की समता पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया था.

लवली आंनद उस समय लड़कियों के लिए फैशन आयकॉन भी हुआ करती थी. हालांकि यह सब वक्त के साथ फीका पड़ गया. उनकी जनसभाओं की भीड़ उनके वोटों की गिनती में नहीं दिखी. अब देखना यह होगा कि इस चुनाव में RJD की लालटेन से लवली आंनद कितना उजाला कर पाती हैं.  इन दिनों लवली फ्रैंड्स आफ आनंद संगठन बनाकर अपने पति की रिहाई के लिए जनसमर्थन हासिल करने में लगी हैं. बिहार की राजनीति में उनकी वापसी का क्या असर पड़ता है यह देखने वाली बार होगी.