बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब तक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन सियासी दावपेंच का दौर बिहार के सियासी गलियारें में कब से शुरू हो चुका है. हर पार्टी अपनी मौजूदा स्थिति को और भी मजबूत बनाने में जुटी है. इस दौरान पार्टियों के भीतर मनमुटाव और पाला बदलने की नौबत आ गई है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव से ठीक पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (jitan ram manjhi) के नेतृत्व वाला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने महागठबंधन का साथ छोड़ कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) का दामन थाम लिया है. वहीं, एनडीए में पहले से ही शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) और JDU में जुबानी जंग जारी है. जो संकेत देता है कि कुछ तो अंदरूनी कलह जारी है और परिणाम भी जल्दी ही सामने आ सकता है.
वहीं, अगर बात नहीं बनी तो माना जा रहा है चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर मैदान में अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं. अगर ऐसा होता है चुनाव के परिणाम में नया बदलाव देखा जा सकता है. इस बीच खबर यह भी है कि चिराग पासवान आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी कर सकते हैं. उनकी पार्टी के नेता चाहते हैं कि चिराग पासवान चुनाव लड़े. जबकि पार्टी 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारे. फिलहाल अभी तक इस तरह की खबरों पर पार्टी या चिराग पासवान की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. यह भी पढ़ें;- Bihar Assembly Election 2020: बिहार में पोस्टर वॉर तेज, पटना में लगा पोस्टर- नीतीश कुमार के DNA में ही गड़बड़ है.
बता दें कि लोजपा की कमान जब से रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के हाथ में आई है, तभी से वे बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. स्थिति है कि जदयू और लोजपा नेताओं के बीच बयानबाजी भी जारी है. वहीं, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि उनको अपने पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का हर फैसला मंजूर है. दूसरी तरफ बिहार के प्रभारी रह चुके कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम विलास पासवान और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को पुराने घर में वापस आने का न्योता दे चुके हैं. अब ऐसे में चुनाव में पार्टी अच्छी बढ़त लेकर आती है तो चिराग पासवान का सियासी रण कद तो बढ़ेगा ही उसके साथ वे किंग मेकर बनकर उभरेंगे.