बिहार विधानसभा चुनाव 2020: पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं के बारे में बोलें तेजस्वी यादव, चुनाव से पहले लोगों का आना जाना लगा रहता है
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान होना बाकि है. लेकिन बिहार में पार्टी छोड़कर नेताओं का जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) छोड़कर जेडीयू में आने वाले विधान पार्षदों को बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चुनाव के समय एक पार्टी से दूसरे पार्टी में लोगों का आना जाना लगा रहता है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान होना बाकि है. लेकिन चुनाव से पहले ही बिहार में पार्टी छोड़कर नेताओं का जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) से पांच विधान परिषद सदस्य पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए. पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं के बारे में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चुनाव के समय एक पार्टी से दूसरे पार्टी में लोगों का आना जाना लगा रहता है. इसलिए चिंता करने की बात नहीं हैं.
दरअसल तेजस्वी यादव से लालू यादव के सबसे करीबी रघुवंश प्रसाद समेत पांच पांच विधान पार्षदों पार्टी छोड़ने पर मीडिया ने उसने सवाल किया. जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव के समय लोग एक पार्टी से दूसरे पार्टी में आते जाते रहते हैं. कोई एक ऐसा चुनाव बताए जिस चुनाव में लोग आए और गए नहीं. यह चुनावी मौसम है और सरकार अपने शासन को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रही है. वहीं उन्होंने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि उन्होंने रचनात्मक काम किया है लेकिन उस रचनात्मक काम से उन्हें ही फायदा हो सकता है. लेकिन बिहार के लोगों को उससे कुछ लाभ नहीं मिल सकता है. यह भी पढ़े: बिहार एमएलसी इस्तीफा: तेजस्वी यादव का बड़ा हमला, कहा- लॉकडाउन में मुख्यमंत्री घर में ”छुपकर” यही काम कर रहे थे
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव के सबसे करीबी रघुवंश प्रसाद समेत पांच पांच विधान पार्षदों ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद बाद शाम तक सभी लोगों ने जेडीयू में शामिल हो गए. चुनाव से पहले एक साथ आरजेडी के पांच नेताओं को पार्टी छोड़ देना एक बड़ा झटका मना जा रहा है. क्योंकि इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. ऐसे में चुनाव के समय आजेडी के नेताओं को पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में जाना आरजेडी के लिए नुकसाना साबित हो सकता है.