नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज (25 दिसंबर) 95वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर उनके स्मारक सदैव अटल पर आज प्रार्थना सभा भी आयोजन किया जाएगा. जहां प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्र सरकार के शीर्ष मंत्री और देश के अन्य दिग्गज नेता दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए शिरकत कर सकते है.
सदैव अटल स्मारक पिछले साल दिसंबर में राष्ट्र को समर्पित किया गया था. इसके मध्य में काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से वाजपेयी की समाधि बनाई गई है और बीच में एक दीया रखा गया है. हवा से बचाने के लिए इस दीये को थोड़ी ऊंचाई पर ढक दिया गया है. जब अटल बिहारी वाजपेयी प्राणी उद्यान में सफारी राइड के दौरान गाड़ी के पीछे दौड़ने लगा शेर, देखें वीडियो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से प्रधानमंत्री तक का सफर तय करनेवाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. उनके पिता पंडित कृष्णबिहारी बाजपेयी ग्वालियर में ही अध्यापक थे, मां कृष्णा बाजपेयी हाउस वाइफ थीं. कहते हैं कि उन्हें काव्य एवं ओजस्वी भाषण की कला विरासत में मिली थी. उनके पिता कृष्ण बाजपेयी हिंदी और ब्रज भाषा के लोकप्रिय कवि और प्रखर वक्ता भी थे. ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातक करने के बाद उन्होंने कानपुर के डीएवी महाविद्यालय से आर्ट से प्रथम श्रेणी में एम पास किया.
अटल बिहारी वाजपेयी स्कूली फंक्शनों में भाषण, डिबेट, काव्यपाठ आदि में खुलकर पार्टिसिपेट करते थे. साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में भी हिस्सा लेते थे. कुछ वर्षों तक पत्रकारिता करने के पश्चात कालांतर में उन्होंने राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन जैसी पत्रिकाओं का संपादन भी किया. उन्होंने सक्रिय राजनीति में 1942 में उस समय कदम रखा, जब महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण उनके भाई को जेल में बंद कर दिया गया था.
अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी के सबसे लोकप्रिय नेता थे. उनके निधन को एक युग का अंत बताया गया. साल 2018 में बीजेपी के भीष्म पितामाह कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद एम्स में निधन हो गया था.