चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने शनिवार यानि आज सारागढ़ी किले में शहीद हुए शूरवीर बहादुर सैनिकों को याद किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 12 सितंबर का दिन हम सभी के लिए गर्व का दिन है. 12 सितंबर साल 1897 में आज ही के दिन सिख रेजीमेंट के 21 शूरवीर बहादुरों ने लॉकहार्ट किले (Lockhart Fort) में 10 हजार अफगानों के साथ लड़ाई लड़ी थी. इस लड़ाई में उन्होंने अदम्य शाहस दिखाते हुए अफगानों से 7 घंटे लड़े और 7 सौ से अधिक दुश्मनों को मार गिराया. हम आपकी बहादुरी को सलाम करते हैं.
बता दें कि सारागढ़ी की शौर्यगाथा सिख रेजीमेंट के उन 21 शूरवीर बहादुर सैनिकों की याद दिलाता है, जिन्होंने 12 सितंबर 1897 को सारागढ़ी किले की रक्षा करते हुए 10 हजार अफगानों की तरफ से किए गए हमलो का मुकाबला करते हुए शहादत का जाम पिया था. अफगानों की संख्या 8 हजार से 14 हजार के बीच थी.
12 September is a proud day for all of us because it was on this day back in 1897, our 21 brave men of 36 Sikh Regiment fought with 10,000 Afghan tribals in Lockhart Fort. They fought for 7 hours straight and killed over 700 enemies. We salute your bravery. #SaragarhiDay pic.twitter.com/C1k18W5aFJ
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 12, 2020
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सारागढ़ी एक अलग किस्म की चौकी थी, इस चौकी की कमांड हवलदार ईशर सिंह, जिसके साथ नायक लाभ सिंह, लांस नायक चंद सिंह और 18 और सिपाही कर रहे थे. 12 सितंबर 1897 को हजारों अफरीदियों और अराकजाई पठानों ने इस चौकी पर हमला कर दिया था.
सारागढ़ी की लड़ाई में शहीद होने वाले शूरवीर बहादुरों के नाम क्रमशः हवलदार ईशर सिंह, नायक लाभ सिंह, लांस नायक चंदा सिंह, सिपाही सुद्ध सिंह, साहब सिंह, उत्तम सिंह, नरैण सिंह, गुरमुक्ख सिंह, जीवन सिंह, राम सिंह, हीरा सिंह, दया सिंह, भोला सिंह, जीवन सिंह, गुरमुक्ख सिंह, भगवान सिंह, राम सिंह, बूटा सिंह, जीवन सिंह, अनन्द सिंह और भगवान सिंह है.