'जैश-ए-मोहम्मद’ (Jaish-e-Mohammad) सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा ‘वैश्विक आतंकवादी’ (Global Terrorist) घोषित किए जाने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने गुरुवार को कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की वाहवाही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब देश जीतता है तो प्रत्येक भारतीय की जीत होती है. अरुण जेटली ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष (Opposition) के कुछ दोस्तों को लगता है कि अगर वे इस जीत में शामिल होते हैं तो उन्हें इसके लिए राजनीतिक कीमत (Political Price) चुकानी पड़ सकती है.
अरुण जेटली ने कहा कि यही कारण है की सर्जिकल स्ट्राइक्स के बारे में वो कहते हैं कि इनविजिबल सर्जिकल स्ट्राइक्स हमने भी की थी. जब बालाकोट एयर स्ट्राइक में हम सफल हुए थे तो उस पर वो संदेह करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रयास में देश 10 वर्षों से था उसमें हम सफल हुए तो वे प्रतिक्रिया देते हैं कि ये तो तुच्छ है, इसमें बड़ा क्या है. उन्होंने कहा कि पहले देश की परम्परा थी कि विदेश नीति और सुरक्षा नीति में देश एक आवाज में बोलता था, उस परम्परा को तोड़ने का पिछले कुछ समय से प्रयास हुआ है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. यह भी पढ़ें- मसूद अजहर को पुलवामा हमला नहीं बल्कि इन वजहों से घोषित किया गया ग्लोबल आतंकी
Arun Jaitley on UN declaring #MasoodAzhar as global terrorist: Govt & PM should be applauded. When the country wins, every Indian wins. It is unfortunate that some friends in the opposition think that if they join in this victory they might have to pay a political price for it. pic.twitter.com/qpgVuBCU7F
— ANI (@ANI) May 2, 2019
Defence Minister, Nirmala Sitharaman on UN declaring #MasoodAzhar as global terrorist: Terrorism shall not be tolerated & this declaration from the UN is noteworthy. Persistent measures taken by the MEA, under leadership of PM & his own visits have resulted in this. pic.twitter.com/QrmmPOJoeW
— ANI (@ANI) May 2, 2019
इससे पहले मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किए जाने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह घोषणा उल्लेखनीय है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में और उनके खुद के दौरे के कारण विदेश मंत्रालय द्वारा लगातार किए गए उपायों का यह परिणाम है.