शपथ समारोह को ‘विपक्षी एकता मंच’ बनाने का सपना टूटा, राहुल गांधी के बुलावे पर भी अखिलेश-मायावती और ममता रहेंगे नदारद
विपक्षी गठबंधन में दरार की आशंका (Photo Credits- ANI)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी से सत्ता छीनने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का सियासी कद भले ही बढ़ा है. हालांकि राहुल गांधी की भले ही चौतरफा वाह-वाही हो रही हो लेकिन आगामी लोकसभा के लिए बनने वाले महागठबंधन में अभी से ही दरार नजर आ रही है. दरअसल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के तीनों नए मुख्यमंत्रियों का आज राज तिलक होने वाला है. जिसके लिए कांग्रेस ने 25 दलों को न्योता भेजा है. इस समारोह को कांग्रेस विपक्षी एकता का मंच बनाना चाहती है लेकिन इससे पहले ही उसे एक बड़ा झटका लग गया.

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की मंशा पर पानी फेरते हुए इस शपथ ग्रहण में उत्तर प्रदेश के दो दिग्गज नेता बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शामिल होने से मना कर दिया है. वहीं खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगी.

हालांकि किसी ने भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने के कारणों का खुलासा नहीं किया है. समाजवादी पार्टी की ओर से एकमात्र विधायक समारोह में मौजूद होंगे. जबकि बीएसपी ने इस पूरे मामलें पर चुप्पी साध रखी है. आशंका जताई जा रही है कहीं यह सब कुछ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कद को महागठबंधन में सिमित करने के लिए तो नहीं किया जा रहा है.

तीन राज्यों के इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला हिस्सा लेंगे. इसके साथ ही समेत विपक्ष के कई अहम नेता समारोहों में शिरकत कर सकते हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, राजद नेता तेजस्वी यादव समारोहों में शिरकत करेंगे.

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वहीं एआईयूडीएफ नेता बदरुद्दीन अजमल, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी और एलजेडी नेता शरद यादव समेत अन्य को समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया है. इसके नेता संजय सिंह भी राजस्थान में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. जेएमएम नेता हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मंच नेता बाबूलाल मरांडी, स्वाभिमानी पक्ष नेता राजू शेट्टी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भी आमंत्रित किया गया है और इन नेताओं के समारोहों में आने की संभावना है.

स्टालिन ने राहुल को बताया PM पद का उम्मीदवार-

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी होना चाहिए क्योंकि उनमें BJP को शिकस्त देने की क्षमता है. जबकि विपक्षी गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में किसी का नाम घोषित किये जाने के खिलाफ हैं.