असदुद्दीन ओवैसी का मिशन 2022: पूर्वांचल में मजबूत मोर्चा तैयार करने में जुटे AIMIM चीफ, बड़ी पार्टियों को हो सकता है नुकसान
असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: ANI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सियासी हलचल तेज होती दिख रही है. असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पूर्वांचल में अपनी जमीन मजबूत की कवायद में जुट गए हैं. ओवैसी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) और आजमगढ़ जाएंगे. ओवैसी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) से भी मुलाकात करेंगे और सूबे में अपनी ताकत बढ़ाने की रूपरेखा तय करेंगे. अपने मिशन पूर्वांचल के साथ ओवैसी एक मजबूत मोर्चा तैयार करने में जुट गए हैं. इस मिशन में उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के साथ हाथ मिला लिया है. मंगलवार को ओवैसी पहले वाराणसी जाएंगे और फिर आजमगढ़, जौनपुर, मऊ जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे.

इस दौरे के साथ ओवैसी सूबे में 2022 के होने विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर रहे हैं. छोटे दलों के साथ गठजोड़ कर वे बड़े दलों का गणित बिगाड़ने की रणनीति बना रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में पांच विधायकों की जीत के बाद ओवैसी अब यूपी में अच्छे प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. UP Assembly Elections 2020: ओवैसी की एंट्री से किसका होगा फायदा, किस पार्टी को पहुंचेगा नुकसान- एक क्लिक में जाने.

अपने इस दौरे से ओवैसी पूर्वांचल के मुस्लिम वोटर्स का मूड समझना चाहते हैं. इसके लिए वे छोटे दलों का सहयोग भी लेंगे. ओवैसी की कोशिश छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतर कर बड़ी पार्टियों को नुकसान पहुंचाने की है. बिहार के परिणामों के बाद वे नए उत्साह के साथ यूपी में राजनैतिक संभावनाएं टटोल रहे हैं.

ओवैसी की नजर मुस्लिम यादव वोटर्स पर भी है. वे मुस्लिम समुदाय के साथ ओबीसी वोटर्स को अपनी तरफ लाने की भरपूर कोशिश में हैं और ओवैसी के इस मिशन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उनकी बड़ी सहायता कर सकते हैं. राजभर को सूबे की राजनीति का अच्छा ज्ञान है जिसका फायदा ओवैसी चाहते हैं.