अहमदाबाद:- नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ देशभर में आंदोलन जारी है. लेकिन अब शांति का आंदोलन हिंसा का रूप लेने लगा है. कहीं पुलिस स्टेशन को जला दिया जाता है तो कहीं सड़क पर खड़ी गाड़ियों को आग लगा दे रहे हैं. कोई पुलिस पर हिंसा का आरोप लगा रहा है तो कहीं प्रदर्शकारियों पर दोष मढ़ा जा रहा है. लेकिन एक बात तो साफ है कुछ अराजकतत्व अब देश के शांति में खलल डालने का काम कर रहे हैं. आंदोलन के नाम पर शुरू हुई हिंसा अब गुजरात (Gujarat) तक पहुंच गई है. अहमदाबाद (Ahmedabad) से एक वीडियो सामने आया है जहां पर उग्र भीड़ ने पुलिस को अपना निशाना बनाया और उनके उपर पत्थर, लाठीयों से जानलेवा हमला कर दिया.
खबर के मुताबिक उग्र भीड़ ने पुलिस पर उस वक्त हमला किया जब पुलिसवाले लौटकर आ रहे थे. वहीं इस मामले में पुलिस ने 49 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें एक कांग्रेस के कॉरपरेटर शहजाद (Shehzad Khan) का नाम भी शामिल है. वहीं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य हिंसक लोगों की पहचान की जा रही है. खबर के मुताबिक दर्जनभर से अधिक पुलिसकर्मी इस घटना में घायल हो गए हैं. इसके आलावा बनासकांठा के वडगाम छापी में बड़ी संख्या में में भीड़ ने प्रदर्शन किया जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया.
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Ahmedabad Police has detained 49 people in connection with violence during protests against #CitizenshipAmendmentAct yesterday. Among the detainees, is Congress corporator Shehzad Khan(in middle in plain white shirt) #Gujarat pic.twitter.com/IAfE9QhGIu
— ANI (@ANI) December 20, 2019
पुलिस पर बरसाया भीड़ ने पत्थर
#WATCH Gujarat: Protesters pelt policemen with stones during demonstration against #CitizenshipAmendmentAct, in Ahmedabad. (Earlier visuals) pic.twitter.com/BAqk7LIWb9
— ANI (@ANI) December 19, 2019
सरकार की अपील, नहीं मांगा जाएगा सबूत
नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और एनआरसी के मसले पर देश भर में हिंसक प्रदर्शनों के बाद केंद्र सरकार ने जनता से बहकावे में न आने की अपील की है. सीएए और एनआरसी पर उठते सवालों का जवाब देकर सरकार ने शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की है. सरकार ने कहा है कि अभी राष्ट्रीय स्तर के लिए एनआरसी जैसी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. सरकार ने यह भी बताया है कि एनआरसी में मुस्लिमों से किसी से भी भारतीय होने का सबूत नहीं मांगा जाएगा, बस कोई पहचान पत्र दिखाना होगा. केंद्र सरकार की ओर से जारी कुछ सवालों के जवाब यहां हैं.