Yogi Government In Action: 'सर्वे के बाद अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में कराया जाएगा'
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Yogi Government In Action:  यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में चल रहे अवैध मदरसों में तालीम हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में कराने का फैसला लिया है, जिस पर अब जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है. योगी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर मदरसों के सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है

तीन सदस्य अधिकारियों की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है, सर्वे का काम पूरा होने होते ही अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में करा दिया जाएगा. दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने मदरसों को लेकर एक आदेश जारी किया था जिसके बाद बहराइच के मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया था. योगी सरकार अवैध मदरसों पर लगातार शिकंजा कस रही है. इसी बीच सरकार ने फैसला लिया कि बहराइच में अवैध मदरसों में तालीम हासिल करने वाले छात्रों को अब परिषदीय स्कूलों में पढ़ाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Sambhajinagar News: महाराष्ट्र के संभाजीनगर में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा टोयोटा किर्लोस्कर, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दी जानकारी- VIDEO

बहराइच की अगर हम बात करें तो यहां 301 मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं. वहीं, अवैध तरीके से यानी गैर मान्यता प्राप्त मदरसे की संख्या 495 है. इन्हीं गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में तालीम हासिल करने वाले 40 हजार छात्रों को अब परिषदीय स्कूलों में पढ़ाया जाएगा. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की ओर से तमाम जिलों के जिलाधिकारी को पत्र जारी किए जाने के बाद मदरसों का सर्वे शुरू कर दिया गया है. गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में पढ़ने वाले सभी बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में कराया जाएगा.

अल्पसंख्यक विभाग ने जिलाधिकारी की निगरानी में टीम बनाकर प्रदेश के सभी मदरसों की सर्वे शुरू कर दी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगभग 25 हजार मदरसे हैं, जिसमें से 16,500 से अधिक मदरसा यूपी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है. विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रदेश में यूपी-नेपाल सीमा पर 13 हजार अवैध मदरसों की पहचान की थी और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें इन मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई थी. यूपी एसआईटी लंबे समय से मदरसों की जांच कर रही थी. जांच के दौरान इन अवैध मदरसों में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई थी.