26 मई को नरेंद्र दामोदरदास मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए थे. 2014 में देश की जनता ने मोदी को ऐतिहासिक बहुमत दिया. लोगों ने बीजेपी को इतनी सीटें दी जिसकी कल्पना शायद पार्टी के आला नेताओं ने भी नहीं की होगी. नरेंद्र मोदी ने चुनावों से पहले आक्रामक प्रचार किया और देश के हर तबके को अपनी ओर आकर्षित किया. उनके द्वारा चलाए हुए कैंपेन के आगे कांग्रेस फेल हो गई और उनके सांसदों का आंकड़ा 210 से सिमट कर 44 रह गई.
प्रधानमंत्री बनाने के बाद पीएम मोदी की सरकार कई नई योजनाए लाई. सरकार की ओर से दावा भी किया गया कि इन योजनाओं से लोगों को फायदा मिला है. मोदी सरकार को अब 4 साल पुरे हो गए है. आइए देखते है 4 साल में मोदी सरकार की उपलब्धियां.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): जीएसटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गया एक क्रांतिकारी कदम माना जाता हैं. कई विदेशी संस्थान भी जीएसटी को भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूती का आधार बता चुके है. एसोचैम ने मोदी सरकार की आर्थिक क्षेत्र में उठाए गए कदमों में रिपोर्ट जारी करते हुए जीएसटी को आजादी के बाद भारत का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताया है. वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-2018 में कुल जीएसटी कलेक्शन 7.41 लाख करोड़ रहा है.
जन-धन योजना: मोदी सरकार की 'जन धन योजना' नीति से देश में खाताधारकों की संख्या तेजी से बढ़ी है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जन धन खाताधारकों की संख्या साल 2017 के मार्च में 28.17 करोड़ थी, जो 2018 के मार्च में बढ़कर 31.44 करोड़ हो गई. इनमें करीब 59 फीसदी यानी 18.58 करोड़ खाते ग्रामीण और कस्बाई इलाकों की बैंक शाखाओं में खुले हैं. अभी जन-धन योजना लाभार्थियों के खाते में 81,203.59 करोड़ रुपये की धनराशि जमा है. देश में 2015 के मार्च में कुल चालू और बचत खातों की संख्या 122.3 करोड़ थी, जो 2017 के मार्च में बढ़कर 157.1 करोड़ हो गई. साथ ही बैंक खातों के मामले में लैंगिक भेद कम हुआ है और अब 83 फीसदी पुरुषों व 77 फीसदी महिलाओं के पास बैंक खाते हैं.
उज्जवला योजना: प्रधानमंत्री मोदी की सबसे कामयाब योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का ना केवल भारत बल्कि विदेशों में भी सराहा जा रहा है. योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिया जाता है, सरकार ने कुल 8 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह प्रधानमंत्री द्वारा एक मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से शुरू की गई थी. उज्जवला योजना के अंतर्गत 23 महीनों में पूरे भारत में 3 करोड़ 56 लाख से भी ज्यादा एलपीजी कनेक्शन गरीब परिवारों की महिलाओं के नाम पर जारी किए जा चुके हैं. इस योजना की मदद से पूरे भारत में एलपीजी इस्तेमाल करने वालों का प्रतिशत एक अप्रैल, 2016 के 61.9 प्रतिशत से बढ़कर एक अप्रैल, 2018 को 80.9 प्रतिशत हो गया है.
सौभाग्य योजना: देश के हर घर को रोशन करने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस योजना को शुरू किया जो कि लगभग सफल भी हुआ है. स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी अधेरे में रहने के लिए मजबूर 61.50 लाख घरों को इस योजना के तहत फ्री में बिजली कनेक्शन दिया जा चूका है. इस योजना की कुल लागत 16,320 करोड़ है, जिसक 40 प्रतिशत केंद्र सरकार उठाएगी और 30 प्रतिशत बैंक लोन से पूरा होगा, जबकि 10 प्रतिशत खर्च राज्यों को उठाना होगा. सौभाग्य योजना द्वारा प्रतिदिन 1 लाख घरों को बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया है.
रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा): मोदी सरकार ने रियल एस्टेट में चल रहे धांधली और छल पर शिकंजा कसने के लिए 1 मई, 2017 को रियल एस्टेट रेग्यूलेशन एक्ट लागू किया था. रेरा कानून का मकसद देशभर में घर खरीदने वालों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी समस्याओं के निदान की राह सुझाना है. यह बिल्डरर्स और खरीददार दोनों को मजबूती प्रदान करने का काम कर रहा है. रेरा के तहत कोई भी प्रोजेक्ट बिना मंजूरी के शुरू नहीं होगा. इसके अलावा बिना रजिस्ट्रेशन के बेचा भी नहीं जा सकता. इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट में देरी हुई तो जुर्माना भरना होगा. यही वजह है की बिल्डरर्स और खरीददार दोनों के हितों की रक्षा करनेवाले इस कानून को खूब सराहा जा रहा है.
मुद्रा योजना: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी. इसका मकसद उन उद्यमियों की मदद करना है, जो या तो कारोबार के आरंभिक दौर में हैं, या जिनके पास अपने कारोबार को चलाने के लिए कम पूंजी है. इस योजना के तहत जरुरतमंदों को 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध करवाया जाता है. इस ऋण के लिए गरीब लोगों को न तो कोई गारंटी देनी होती है और न ही कोई जमानत. प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत अबतक 12.61 करोड़ लोगों को कर्ज दिया जा चुका है. वहीँ मुद्रा योजना के तहत पहली बार व्यवसाय शुरू करने जा रहीं महिलाओं और दलितों पर विशेष ध्यान दिया जाता है.