लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के शासन के चार साल पूरे हो गए हैं. योगी सरकार के 4 साल बेमिसाल रहे, इसी का नतीजा है कि सूबे में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का जलवा आज भी बरकरार है. सरकार के बीते चार सालों के कामकाज पर हुए तमाम सर्वे बता रहे हैं कि योगी सरकार पिछली सरकारों से कई बेहतर रही है. IANS के सर्वे के उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में यदि आज चुनाव हो जाए तो योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार राज्य में बड़ी जीत हासिल कर सकती है. उत्तर प्रदेश में कम से कम 58 फीसदी लोगों का मानना है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनावी वादे पूरे किए हैं. योगी सरकार के 4 साल: MSP बढ़ने से बदली UP के किसानों की किस्मत, अब इस लक्ष्य पर हो रहा काम.
सर्वे की मानें तो अगर इसी समय यूपी में चुनाव हो जाएं तो फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी. मौजूदा स्थिति में अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी तमाम हथकंडों के बाद भी सीएम योगी के सामने कहीं टिकते नहीं दिख रहे हैं. विपक्ष यूपी में काफी हद तक कमजोर नजर आ रहा है. यूपी के बाहर भी सीएम योगी के कार्यों की जनता मुरीद हो रही है. Uttar Pradesh: 58.7 फीसदी लोगों का है मानना, योगी ने पूरे किए चुनावी वादे : सर्वे.
सीएम योगी इन चार सालों में किए गए विकास कार्यों के चलते अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बनते जा रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के फैसले बीजेपी के उन राज्यों के लिए भी उदाहरण बन रहे हैं जहां बीजेपी की सरकार. कई कार्यों में बीजेपी शासित अन्य राज्य सीएम योगी को फॉलो कर रहे हैं. Uttar Pradesh: 51 फीसदी लोगों का मत, योगी का है अपने मंत्रियों पर नियंत्रण.
1) लव जिहाद कानून: योगी सरकार के लव जिहाद कानून को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है. योगी सरकार सूबे में जबरन होने वाले धर्मांतरण के विरुद्ध डटकर खड़ी रही और धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है. इस कानून के मुताबिक यह साबित होने पर कि धर्म परिवर्तन की मंशा से शादी की गई है, तो दोषी को 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा जबरन, लालच देकर या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने को भी गैर जमानतीय अपराध माना गया है. Uttar Pradesh: मजबूत हिंदू नेता के रूप में उभरे योगी आदित्यनाथ.
2) हुडदंग मचाने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हुडदंग मचाने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जिस तरह से निपटती है वह अपने आप में मिसाल है. यूपी सरकार नागरिकता कानून के विरोध-प्रदर्शन के साथ सख्ती से निपटी थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को योगी सरकार ने खूब सबक दिखाया. नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली की गई थी. साथ ही उनके पोस्टर भी चौराहों पर लगाए गए थे. योगी सरकार ने सूबे आंदोलनकारियों को सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से निपटने के लिए लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 को कानून बनाया.
3) गोहत्या विरोधी कानून: हिंदू हमेशा से ही गाय को पूजते आए है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही गोहत्या के खिलाफ सख्त कदम उठाए. इस दिशा में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण कानून बनाया, जिसके तहते गोहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और गोवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर पौने दो साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही सीएम योगी ने गोहत्या के खिलाफ बनाए गए कानून का देश के दूसरे राज्यों में भी जमकर प्रचार-प्रसार किया.
4) शहरों का नामकरण: शहरों के नाम बदलने को लेकर योगी सरकार हमेशा चर्चा में रही. सरकार के इस फैसले की कहीं तारीफ हुई तो कहीं सरकार को इसके लिए खूब खरी-खोटी सुननी पड़ी. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों का नामकरण किया. जिनमें इलाहाबाद को बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद जिला का नाम अयोध्या किया गया है. इस तरह बीजेपी शासित अन्य राज्यों में यूपी सरकार की तर्ज पर कई शहरों के नाम बदलने पर विचार किया जा रहा है.