भोपाल के नीलम पार्क में कोरोना में तीन महीने तक स्टाफ नर्स की नौकरी पर रखे गए लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है, जिसकी वजह से लोग धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. जिसकी वजह से करीब 15 लोग गह्यल हो गए हैं. ख़बरों के अनुसार पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं बक्शा और उनपर भी लाठियां बरसायीं. बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने स्टाफ की कमी के कारण कोरोना में 6213 लोगों को नौकरी पर रखा था. जिसमें स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट समेत अन्य स्टाफ शामिल थे. इन सभी को 30 नवंबर को नौकरी से निकाल दिया गया. जिसकी वजह से सभी ने भोपाल के नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन किया, पुलिस के मना करने पर भी न मानने पर उन पर लाठियां बरसायीं गईं, जिसकी वजह से अफरा तफरी मच गई और कई घायल हो गए.
ख़बरों के अनुसार स्वास्थ्य कर्मचारियों को सिर्फ एक दिन के धरना प्रदर्शन की अनुमती दी गई थी और दूसरे दिन गैस कर्मचारियों को दी गई थी. लेकिन दूसरे दिन जब स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रदर्शन स्थल से हटने के लिए कहा गया तो वे नहीं माने, जिसकी वजह से पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल का प्रयोग किया. पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान, कहा-मध्य प्रदेश में किसान की जितनी पैदावार होगी उसे सरकार खरीद लेगी, बाहर से आने वाले को भेज देंगे जेल
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पुलिस के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों ने सिर्फ एक दिन के धरना प्रदर्शन की अनुमति ली थी, आज गैस पीडि़त संगठनों ने भी प्रदर्शन की अनुमति ली थी. पहले से प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को स्थल से हटने के लिए कहा तो वे हटने के लिए तैयार नहीं हुए, इसलिए उन्हें बलपूर्वक हटाया गया.
बता दें कि धरने पर बैठे कर्मचारी पहले भी कई अस्पतालों में सेवाएं दे चुके है, सरकार से नौकरी वापस और परमानेंट नौकरी की मांग को लेकर मंत्री प्रभुराम चौधरी से मुलाकात के बाद वे प्रदर्शन करने नीलम पार्क में बैठ गए.