नोएडा, 6 नवंबर: नोएडा में चल रहे एल्विश यादव मामले में पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी सेक्टर 49 नोएडा को रविवार को उनके इलाके में अपराध पर प्रभावी अंकुश न लगा पाने के कारण रिजर्व पुलिस लाइन स्थानांतरित कर दिया. इस आदेश से यह साफ हो जाता है कि कहीं ना कहीं एल्विश यादव के खिलाफ मामला दर्ज करने में जल्दबाजी की गई और दर्ज करवाने वालों ने प्रभाव का भी इस्तेमाल किया था. बिना साक्ष्य के दर्ज हुई प्राथमिकी ने नोएडा पुलिस की भी किरकिरी कर रखी है. यह भी पढ़ें: Elvish Yadav Rave Party Case: एल्विश यादव मामले में थाना प्रभारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, केस में लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर
एल्विश पर रेव पार्टी के आरोप में कोतवाली सेक्टर 49 में मुकदमा दर्ज किया गया था. पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) संस्था की तरफ से एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद नोएडा पुलिस ने चार सपेरों समेत छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें एल्विश यादव का भी नाम शामिल है.
मामले में नोएडा पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर वाह वाही तो बटोर ली. लेकिन प्राथमिकी में नाम होने के बावजूद वह एल्विश को हाथ भी नहीं लग पा रही. पुलिस की किरकिरी उस वक्त अधिक हो गई जब राजस्थान के कोटा पुलिस ने एल्विश को वाहन चेकिंग में पकड़ लिया लेकिन नोएडा पुलिस ने उसके वांछित होने से मना कर दिया.
वहीं अब तक एल्विश से पूछताछ के लिए भी पुलिस ने संपर्क नहीं किया है. हालांकि पुलिस अभी भी एल्विश और जेल भेजे गए आरोपी राहुल के बीच का कनेक्शन जोड़ने में जुटी हुई है.
मामला हाई प्रोफाइल हो जाने की वजह से पुलिस संभलकर कदम रख रही है. पीएफए के दावे पर एल्विश के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया गया पर अभी तक जांच में यूट्यूबर पर का मामले से सीधा संबंध नहीं निकलकर सामने आया है. फिलहाल सच क्या है और झूठ क्या है यह तो पुलिस की जांच के बाद ही निकाल कर आएगा. लेकिन थाना प्रभारी पर हुई कार्रवाई साफ तौर पर दर्शाती है कि प्राथमिकी दर्ज करने में जल्दबाजी हुई है. एल्विश से पूछताछ करने में जितनी देर होगी साक्ष्य मिटने की संभावना उतनी ज्यादा होगी.