दिल्ली: पद्मभूषण से सम्मानित मशहूर कवि, गीतकार गोपालदास 'नीरज' का निधन
मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों के बताया कि नीरज को फेफड़े में संक्रमण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
नई दिल्ली. मशहूर गीतकार पद्मभूषण गोपालदास नीरज का 93 साल की उम्र आज शाम निधन हो गया. उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स लाया गया था. बता दें कि मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों के बताया कि नीरज को फेफड़े में संक्रमण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए
गीतकार गोपालदास 'नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गांव पुरावली में हुआ था. बॉलीवुड फिल्मों को भी कई सुपरहिट गाने दिए। उन्हें उनकी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए कई बार सम्मानित किया गया था. उन्होंने तीन बार फिल्म फेयर अवार्ड भी अपने नाम किया था. गोपाल दास नीरज को सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला. मशहूर कवि और गीतकार गोपाल दास नीरज को 1991 में पद्मश्री और 2007 में पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा गया था.
स्वप्न झरे फूल से
स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से
लुट गये सिंगार सभी बाग के बबूल से
और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे।
कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे।
नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई
पांव जब तलक उठे कि जिंदगी फिसल गई
पात-पात झर गए कि शाख-शाख जल गई
चाह तो निकल सकी न पर उमर निकल गई