POCSO मामले में आरोपी को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- पीड़िता अपने काम के परिणाम समझने के लिए समझदार थी
Representational Image | Pexels

ठाणे की विशेष POCSO अदालत ने एक चौंकाने वाले फैसले में एक युवक को जमानत दे दी है, जिस पर 15 वर्षीय लड़की के अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप था. दिसंबर 2024 से जेल में बंद युवक को तीन महीने से अधिक समय बाद रिहा किया गया है. अदालत ने माना कि हालांकि आरोप गंभीर थे, लेकिन आरोपी और नाबालिग पीड़िता के बीच "प्रेम संबंध" के सबूत मिले हैं.

खुद मुसीबत को न्योता दिया... इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीड़ित महिला को बताया रेप के लिए जिम्मेदार; आरोपी को दी जमानत.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, लड़की के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच में लड़की आरोपी के साथ भिवंडी के वाडा क्षेत्र में मिली. पीड़िता ने बताया कि वे रिश्ते में थे और उन्होंने दिसंबर 2024 के बीच यौन संबंध बनाए थे. विशेष न्यायाधीश डी.एस. देशमुख ने अपने आदेश में कहा कि "उनका रिश्ता सहमति से बना प्रतीत होता है" और पीड़िता "उस कृत्य के परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व थी" जिसमें वह शामिल थी, भले ही वह उस समय 15 साल और 5 महीने की थी.

अदालत ने यह भी कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है, इसलिए आरोपी को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है. 15,000 रुपये के बांड, पीड़िता से संपर्क न करने और नियमित अदालत में उपस्थिति सहित कई शर्तों पर आरोपी को जमानत दी गई है.

इस विवादास्पद फैसले में, न्यायाधीश ने कई मिसालों और अन्य मामलों का हवाला दिया, जिसमें POCSO अधिनियम के प्रावधानों के तहत "सहमति" और सहमति की कानूनी उम्र का आकलन किया गया है.