Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University, Jhansi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया झांसी में कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन, कहीं ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits- ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्‍द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि रानी लक्ष्मी बाई ने कभी बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी. बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है कि मेरी झांसी आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। हम पूरी ताकत लगा देगें. उन्होंने कहा कि जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है. ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है. ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है. इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है. इस दौरान पीएम मोदी ने टिड्डी दल के हमले पर कहा कि बीते मई में बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था. देश के 10 से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे. जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था. इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है. ये बहुत बड़ा काम हुआ है.

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं. सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो. गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को देश के अन्य भागों की तरह मुफ्त राशन दिया जा रहा है. गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत यूपी में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है, जिसके तहत लाखों कामगारों को रोज़गार उपलब्ध हो रहा है.

इस अभियान के तहत यहां बुंदेलखंड में सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया. उन्होंने कहा कि एक तरह से बुंलेदखंड में 'जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान' का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है.