नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट विस्तार और फेरबदल के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई टीम के साथ बैठक की. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कृषि और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों के लिए बड़ी घोषणा की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया, "आज कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण फैसला किया गया. भविष्य में कोविड से कैसे निपटे उसके लिए 23 हजार करोड़ रुपए का पैकेज लाया जाएगा. केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए देगी और राज्य सरकारें 8,000 करोड़ रुपए देगी. 736 जिलों में पीडिएट्रिक यूनिट बनाए जाएंगे. 20,000 ICU बेड तैयार किए जाएंगे. ट्विटर से विवाद पर बोले नए IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव- जो भी भारत में रहता है, उसे कानून मानना पड़ेगा.
नए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, अप्रैल 2020 में कोविड के लिए पहले पैकेज में 15 हजार करोड़ रुपए दिए गए. कोविड अस्पताल 163 से बढ़कर 4,389 हो गए. ऑक्सीजन बेडों को 50,000 से बढ़ाकर 4,17,396 कर दिए गए.
मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
Rs 23,000 crores package to be given to deal with the problems that occurred in the second wave of COVID. It will be used jointly by the Central and state governments: Union Health Minister Mansukh Mandaviya pic.twitter.com/6vM1yAhQCM
— ANI (@ANI) July 8, 2021
पहली मीटिंग में लिए गए फैसले
It was earlier said APMCs would be strengthened. Efforts will be made to provide more resources to the APMCs. Rs 1 lakh crores allocated under Atmanirbhar Bharat to Farmers Infrastructure Fund can be used by APMCs: Narendra Singh Tomar, Agriculture Minister pic.twitter.com/ypWbdsPIAw
— ANI (@ANI) July 8, 2021
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि मंडियों को और संसाधन दिया जाएगा. मंडियां खत्म नहीं होने वाली हैं. एपीएमसी मंडियों को और मजबूत किया जा रहा है. कृषि मंत्री ने कहा, बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मजबूत किया जाएगा. मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने बताया, कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग APMC कर सकेगी. कृषि मंत्री ने कहा, "हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है. इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं. बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा.