ट्विटर से विवाद पर बोले नए IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव- जो भी भारत में रहता है, उसे कानून मानना पड़ेगा
IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव (Photo: PTI)

नई दिल्ली: देश के नए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने गुरुवार को अपना पद संभालते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के साथ चल रहे सरकार के विवाद पर अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी. नए आईटी मंत्री ने कहा कि 'देश का कानून सबसे ऊपर है और ट्विटर को नियम मानने ही होंगे.' मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा, "जो कोई भी भारत का नागरिक है और जो भारत में रहता है उसे देश के कानूनों का पालन करना होगा." गृहमंत्री अमित शाह को जानिए क्यों मिला सहकारिता मंत्रालय, देश में उतारेंगे गुजरात मॉडल.

अश्विनी वैष्णव ने रविशंकर प्रसाद की जगह ली है. इससे पहले आईटी मिनिस्टर रहे रविशंकर प्रसाद की ओर से भी कई बार इस संबंध में सख्त बयान दिए गए थे और अदालत ने भी ट्विटर को फटकार लगाई है. रविशंकर प्रसाद पिछले कुछ समय में ट्विटर के साथ अपनी नोंक-झोंक लेकर चर्चा में रहे थे. हालांकि अब भी ट्विटर का कहना है कि भारत में शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए उसे वक्त लगेगा.

दरअसल, भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल कंटेंट वाले प्लेटफॉर्म्स के लिए नए आईटी कानून लागू किए हैं. ट्विटर ने इन नियमों का पालन नहीं किया है.

नए दिशानिर्देश 25 मई को लागू हुए. इनमें भारत स्थित शिकायत निवारण और नोडल और अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति से संबंधित दिशानिर्देश शामिल हैं. नये आईटी नियम 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता (यूजर) वाले सोशल मीडिया मंचों द्वारा अन्य जरूरतों के साथ-साथ तीन मुख्य अधिकारियों -- मुख्य अनुपालन अधिकारी , नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान करता है. ये तीनों अधिकारी भारत में रहने चाहिए.

ओडिशा से सांसद वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. उन्हें सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साथ रेलवे का भी प्रभार दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी देने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य जोर कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने पर होगा.

कुछ महीने पहले, उन्होंने ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड (विश्वविद्यालय) छात्र संघ की अध्यक्ष एवं कर्नाटक की रहने वाली रश्मि सामंत के इस्तीफे को नस्लवाद का गंभीर मामला बताते हुए साइबर धौंस जमाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाया था.