प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बने देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन किया. इस दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय सीमा के तहत परियोजनाओं को पूरा किया जाना कागजों तक सीमित नहीं है बल्कि हकीकत बन गया है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने विकास परियोजनाओं को लागू करने में ‘‘टालमटोल’’ की कार्य संस्कृति को बदल दिया है. पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमने ‘लटकने भटकने’ की पहले की कार्य संस्कृति को बदल दिया है. परियोजनाओं के पूरा होने की समय सीमा कागजों तक सीमित नहीं है बल्कि वास्तव में सच्चाई बन गई है.
PM Modi: About 16 years ago, Atal Ji came here. He had a vision for the development of the #BogibeelBridge. This Bridge is also a tribute to his vision. When Vajpayee ji's Government lost power in 2004, several key infrastructure projects of his era were not completed. pic.twitter.com/qFyeQiuhCu
— ANI (@ANI) December 25, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार जीतते तो बोगीबील पुल 2008-2009 तक बनकर ही पूरा हो जाता. उनकी सरकार के बाद 2014 तक परियोजना पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि बोगीबील पुल पर वाहनों और रेलगाड़ियों की आवाजाही से देश की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी. यह भी पढ़ें- मणिपुर के सीएम ने कहा, पीएम मोदी जैसे नेशनल हीरो का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता
उन्होंने कहा कि यह केवल पुल नहीं है बल्कि असम और अरूणाचल प्रदेश के लोगों की जीवनरेखा है. मोदी ने कहा कि पुल से असम के डिब्रूगढ़ और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागून के बीच की दूरी 700 किलोमीटर से घटकर 200 किलोमीटर से भी कम रह जाएगी.
पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने तिनसुकिया-नाहरलागून इंटरसिटी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जो हफ्ते में पांच दिन चलेगी और इससे असम के तिनसुकिया और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागून के बीच रेलगाड़ी से यात्रा की अवधि दस घंटे से भी कम हो जाएगी.
एजेंसी इनपुट